पश्चिम बंगाल समेत 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधान सभा चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. शुरुआती रुझानों ममता बनर्जी की टीएमसी को बंगाल में बढ़त हासिल है लेकिन वहां बीजेपी कड़ी टक्कर देती दिख रही है.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल समेत 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधान सभा चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. शुरुआती रुझानों के मुताबिक बंगाल में बीजेपी और टीएमसी में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. वहीं असम में बीजेपी को बढ़त और तमिलनाडु में डीएमके का डंका बजता दिख रहा है.
रुझानों में लेफ्ट के गढ़ केरल में एलडीएफ को बढ़त हासिल है. वहीं पुदुचेरी में बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है. दोपहर तक नतीजों की तस्वीर और साफ होती जाएगी और शाम तक इन पांच प्रदेशों के नतीजे साफ होने का अनुमान है.
बंगाल में बीजेपी और टीएमसी में कड़ी टक्कर
बंगाल की 292 में से 200 से ज्यादा सीटों के रुझान सामने आ चुके हैं, इनमें 106 सीटों पर टीएमसी और 100 पर बीजेपी को बढ़त हासिल है. सबसे अहम बात ये है कि ममता बनर्जी नंदीग्राम से पीछे हैं और सुवेंदु अधिकारी ने अभी वहां बढ़त बना ली है. बहुमत का हासिल करने के लिए 147 सीटों का जादुई आंकड़ा चाहिए.
केरल और तमिलनाडु के रुझान
केरल के रुझानों की बात करें तो वहां पिनराई विजयन के अगुवाई वाले लेफ्ट फ्रंट की सत्ता में वापसी के संकेत हैं. रुझानों में LDF को बहुमत भी हासिल हो गया है और 140 सीटों में 79 पर लेफ्ट फ्रंट को बढ़त हासिल है. वहीं कांग्रेस के सहयोगी UDF को 49 सीटों पर बढ़त है. सत्ता में अदली-बदली का इतिहास रखने वाले केरल में एलडीएफ वापसी करके इतिहास रचने की ओर है. तमिलनाडु में सत्ता बदली के संकेत हैं. वहां की 234 सीटों में से डीएमके को 68 और सत्ताधारी AIADMK को सिर्फ 42 सीटों पर बढ़त है.
असम और पुदुचेरी के रुझान
पूर्वोत्तर के राज्य असम में सत्ताधारी बीजेपी की वापसी होती दिख रही है. असम की 126 सीटों में से बीजेपी को 40 और कांग्रेस को 22 सीटों पर बढडत हासिल है. वहीं पुदुचेरी की बाक करें तो यहां की 30 सीटों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. बीजेपी को 9 और कांग्रेस को 6 सीटों में बढ़त हासिल है. यहां अभी तक 15 सीटों के रुझान आए हैं.
बंगाल में कड़ी सुरक्षा में काउंटिंग
बंगाल (West Bengal) में 108 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की 3 स्तरीय व्यवस्था की गई है, जहां बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन और वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को कड़ी सुरक्षा में रखे गए हैं. 23 जिलों में फैले काउंटिंग सेंटर्स पर कम से कम 292 सुपरवाइजर और केंद्रीय सुरक्षा बलों (CRPF) की 256 कंपनियों की तैनाती है.