कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में प्लाज़्मा डोनेट करने के मामले में कोटा मिसाल रचने में पीछे नहीं है. एक ही व्यक्ति के 9 बार प्लाज़्मा दान करने का राजस्थान में यह पहला मामला है.
कोटा. शहर में कोरोना महामारी से देश के हर हिस्से में कोहराम मचा हुआ है. इस दौरान लोग अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो शहर में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान भी दांव पर लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. कुछ इसी तरह की मिसाल कायम करने वाले पंकज गुप्ता हैं, जिन्होंने नौवीं बार प्लाज़्मा दान करने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है.
भगत सिंह कॉलोनी निवासी और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी में एरिया मैनेजर पंकज गुप्ता (46) ने 9वीं बार प्लाज्मा डोनेशन करने का रिकॉर्ड बनाते हुए उदाहरण पेश किया है. राजस्थान में ऐसा पहला मामला है जब किसी व्यक्ति ने 9 बार प्लाज़्मा डोनेट किया हो और देश में भी संभवत: यह अपनी तरह का पहला मामला हो सकता है.
अब तक 18 लोगों की जान बचाई
बताया जा रहा है कि पंकज गुप्ता अब तक 18 ज़िंदगियों को बचाने का उपक्रम कर चुके हैं. शरीर में लगातार बन रही एंटीबॉडी को दान कर लोगों की जान बचाने का जज्बा ऐसा कि पंकज गुप्ता ने अब तक वैक्सीन भी नहीं लगवाई, ताकि वो प्लाज़्मा डोनेट करते रह सकें. पंकज का कहना है कि जब तक एंटीबॉडी आती रहेगी, वह प्लाज्मा दान करते रहेंगे.
टीम जीवनदाता के संयोजक और लायन्स क्लब के जोन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में सैकडों डोनर्स आए और अपने कर्तव्य का पालन कर चले गए, लेकिन पंकज गुप्ता ने मरीज़ों की पीड़ा को समझते हुए दान का सिलसिला जारी रखा. भुवनेश गुप्ता के मुताबिक पंकज कई बार एसडीपी व रक्तदान भी कर चुके हैं.
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प्लाज़्मा डोनेशन के एक और हीरो मनीष
सिर्फ पंकज ही नहीं, बल्कि प्लाज़्मा दान करने के उदाहरण और भी हैं. कोटडी गोर्धनपुरा निवासी मनीष सरोंजा (39) ने चौथी बार प्लाज्मा डोनेशन किया. सरोंजा ने बताया कि उनके परिवार में आठ लोग पॉज़िटिव थे इसलिए वो मरीज़ों व उनके परिजनों के हालात को समझ सके.
प्रदेश में अव्वल आने लगा कोटा
भुवनेश गुप्ता के अनुसार अब तक कोटा में 600 से अधिक प्लाज़्मा डोनेशन हो चुके थे. प्लाज्मा डोनेशन के मामले में प्रदेश में राजधानी के बाद कोटा अग्रणी है. डेटा के मुताबिक जनवरी से कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ने के साथ ही प्लाज़्मा डोनेशन का आंकड़ा भी बढ़ा.
दूसरे शहरों को भी भेजा प्लाज्मा
प्लाज़्मा डोनेट करने वाले शहरों में कोटा का नाम ऊपर की सूची में तो है ही, प्रदेश के भीलवाड़ा, टोंक, उदयपुर, चित्तौड़ व मध्य प्रदेश तक के कई इलाकों में मरीज़ों और उनके परिजनों की जान बचाने के लिए प्लाज़्मा यहां भेजा जा चुका है.
बता दें कि कोरोना के गंभीर मरीज़ों के इलाज में प्लाज्मा की बड़ी अहमियत है इसलिए यह रक्तदान के समान ही एक परोपकार माना जा रहा है. कोटा में प्लाज़्मा डोनेशन को लेकर चलाई गई मुहिम में व्यापारी, विद्यार्थी, वकील, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, फल विक्रेता, राजकीय कर्मचारी समेत कई सेक्टरों के लोगों को जोड़ा गया. अब तक 600 से ज़्यादा प्लाज़्मा डोनेशन का आंकड़ा रखने वाले कोटा के बारे में कहा जा रहा है कि एक से दो माह के भीतर संख्या 1000 के पार हो सकती है.