असल में कई लोग जांच केन्द्र में सैंपल (Sample) तो अपना दे रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्रर में नाम और मोबाइल नंबर किसी अन्य का दर्ज करा रहे हैं.
पिथौरागढ़. कोरोना वायरस (Corona virus) के हाहाकार के बीच बॉर्डर डिस्ट्रिक पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में आए दिन हजारों की तादात में प्रवासी अपने घरों को लौट रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण बॉर्डर जिले में न फैले हेल्थ डिपार्टमेंट ने जिले के एंट्री प्वाइंट पर जांच केन्द्र बनाएं हैं. इन जांच केन्द्रों में बाहर से आने वालों का एंटीजन और आरटीपीसीआर सैंपल (Antigens And RTPCR Samples) लिए जा रहे हैं. लेकिन कई सैंपल देने वाले ऐसे हैं, जो यहां भी हेराफेरी से बाज नहीं आ रहे हैं.
असल में कई लोग जांच केन्द्र में सैंपल तो अपना दे रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्रर में नाम और मोबाइल नंबर किसी अन्य का दर्ज करा रहे हैं. ऐसे में केस पॉजिटिव आने पर मैसेज और कॉल उस व्यक्ति को जा रही है, जिसने कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया ही नही हैं. बेरीनाग तहसील के पांखू में रहने वाले विनोद कार्की जबसे कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है तबसे वे अपने घर पर ही हैं. खुद को सुरक्षित रखने के लिए वो कहीं बाहर भी नहीं जाते हैं, लेकिन बीते दिनों वे तब हैरान हो गए, जब उनके मोबाइल पर उनके नाम के साथ ये मैसेज आया कि आपका एंटीजन सैंपल ले लिया गया है, आप अपना ध्यान रखें. कार्की ये समझ नहीं पाए कि आखिर जब उन्होनें सैंपल दिया ही नहीं तो उन्हें मैसेज कैसे आया.
कोई भी व्यक्ति इस तरह की हेरा-फेरी न कर सके
जब विनोद कार्की ने ये मसला न्यूज18 के सामने रखा और न्यूज18 ने पड़ताल की तो पता चला कि हेल्थ डिपार्टमेंट से ही कार्की को मैसेज किया गया था. बारिकी से जांच करने पर पता चला कि मैसेज तो ठीक था, लेकिन किसी अन्य व्यक्ति ने सैंपल देने के दौरान उनका नाम और नंबर जांच केन्द्र के रजिस्ट्रर में दर्ज करा दिया, जिस कारण मैसेज उन्हें डिलीवर हुआ. ऐसे एक नहीं जिले में कई मामलें सामने आ गए हैं. आखिरकार अब हेल्थ डिपोर्टमेंट ने ऐसी हेरी-फेरी को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है. सीएमओ डॉ. हरीश पंत ने बताया कि अब जांच केन्द्रों में जिनका भी सैंपल लिया जा रहा है, उसका पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस तरह की हेरा-फेरी न कर सके.