ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन में 6 टैंकर ऑक्सीजन बोकारो से आरओ-आरओ पद्धति से मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुई और रात 1 बजे जबलपुर पहुंची. यहां पर जबलपुर के लिए एक टैंकर को भेड़ाघाट में अनलोड किया गया.
भोपाल. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मरीजों की वजह से प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है. जिसकी वजह से इसकी आपूर्ति अन्य राज्यों से की जा रही है. इसी बीच बोकारो से संजीवनी लेकर पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन देर रात भोपाल पहुंची. इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस में छह टैंकर हैं, जिसमें 64 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है. इसमें से एक टैंकर ऑक्सीजन जबलपुर, तीन टैंकर सागर और दो टैंकर मंडीदीप भोपाल के लिए पहुंचाई गई है.
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन में 6 टैंकर ऑक्सीजन बोकारो से आरओ-आरओ पद्धति से मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुई और रात 1 बजे जबलपुर पहुंची. यहां पर जबलपुर के लिए एक टैंकर को भेड़ाघाट में अनलोड किया गया. इसके बाद सागर(मकरोनिया) में विशेष रैम्प से देर रात तीन से चार बजे ऑक्सीजन के तीन टैंकर अनलोड हुए. इसके बाद यह ट्रेन भोपाल पहुंची, जहां मंडीदीप में सुबह ऑक्सीजन के दो टैंकर अनलोड हुए.
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समय की बचत के लिए बनाया गया था ग्रीन कॉरिडोर
ऑक्सीजन एक्सप्रेस के कम समय में राज्यों तक पहुंचाने और तेज आवाजाही के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस की सुरक्षा को ध्यान में रखकर रूट की मैपिंग भी की गई है. साथ ही लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन क्रायोजेनिक लोड होने के चलते ट्रेन की स्पीड और एक्सेलेरेशन का भी ध्यान रखा गया है. ओवर डायमेंशन कन्साइनमेंट (ODC) के तहत सावधानियां रखी गईं जिससे चालक दल को बदलने और फ्यूल भरने में कम से कम समय लगे.
यूपी और एमपी की मांग पर शुरू की गई थी ट्रेन
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद भारतीय रेलवे की तरफ से पिछले हफ्ते ऑक्सीजन ट्रेन की शुरुआत की गई थी. ऑक्सीजन की आपूर्ति जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन टैंकरो को ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए सड़क मार्ग के मुकाबले कम से कम घंटों में राज्यों में पहुंचाया जा रहा है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस से एमपी में ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहेगी.