उन्होंने कहा कि संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा. अगले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश में कोविड डेडिकेटेड बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना किया जाए.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. इसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति, कोविड टेस्ट, ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ ही कई विषय शामिल रहे.
कोविड डेडिकेटेड बेड्स को किया जाए दोगुना
उन्होंने कहा कि संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा. अगले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश में कोविड डेडिकेटेड बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना किया जाए. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सरकारी व्यवस्था के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोग से बेड्स को दोगुना करना सुनिश्चित कराए. सचिव स्तर के एक अधिकारी की जिम्मेदारी इस कार्य में लगाया जाए. इसकी दैनिक मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.
सीएचसी में 10-10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हो उपलब्ध
सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से सीएचसी एक छोटी और अति महत्वपूर्ण इकाई है. यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाने की लंबी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के साथ ही अपेक्षा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी तुरंत उपयोग में आने वाली उपयोगी प्रणाली प्रभावी हो सकती है. प्रदेश के सभी सीएचसी में न्यूनतम 10-10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धतता सुनिश्चित की जाए.
जिलों में दो-दो सीएचसी हों कोविड मरीजों के लिए डेडिकेटेड
सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड मरीजों के सेवार्थ डेडिकेटेड किया जाए. स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में पिछले सप्ताह में जनपदवार 200-200 बेड बढ़ाए गए हैं। इससे करीब 15000 बेड बढ़े हैं। कोविड हॉस्पिटल के रूप में नए निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाए।
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जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए
इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों को रेमेडेसिविर आवंटित किया गया है. जरूरतममंदों की मदद के लिए डीएम/सीएमओ को भी रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराया गया है. केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक के लिए यूपी को रेमेडेसीवीर के 1,61000 वॉयल आवंटित किए हैं. एक मई से इसमें दोगुनी तक बढ़ोतरी की संभावना है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध है. जरूरत के अनुसार निजी अस्पतालों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
मरीजों से किया जाए संवेदनापूर्ण व्यवहार
आपदा की स्थिति में हमें अतिरिक्त संवेदनशील होने की जरूरत है. यदि कोई मरीज/परिजन क्षणिक आवेश में नाराजगी जाहिर करता है तो भी उससे संवेदना पूर्ण व्यवहार ही किया जाए. सभी अधिकारी फोन जरूर रिसीव करें. लगातार जनता से संपर्क में रहें.
एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम रहे कम
एम्बुलेंस और अन्य वाहन, लोगों की जरूरत पर यथाशीघ्र उपलब्ध होने चाहिए. सभी जिलों को पर्याप्त वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, फिर भी यदि अतिरिक्त जरूरत हो तो उस हिसाब से व्यवस्था की जाए. एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रहे, इसके लिए विशेष प्रयास की जरूरत है.
ऑक्सीजन आपूर्ति को बेहतर करने के किए जा रहे प्रयास
प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर करने का प्रयास किए जा रहें हैं. मंगलवार को लगभग 630 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है. इससे एक दिवस पूर्व लगभग 530 मीट्रिक टन ऑक्सीजन विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया था. सभी जिलों के हर एक कोविड अस्पताल की स्थिति पर नजर रखी जाए और उस अनुरूप समय से पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए.
होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का रखा जाए ध्यान
होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए. सीएम हेल्पलाइन से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए. तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हें दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए. ऐसे मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किया जाए.
4 करोड़ कोविट टेस्ट करने वाला यूपी पहला राज्य
चार करोड़ टेस्ट के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है. इसे लगातार बढ़ाये जाने की जरूरत है. सभी निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुना करने की कार्यवाही तेज की जाए.
रिकवरी रेट में हो रहा सुधार
बताया कि कोविड प्रबंधन की दिशा में टीम वर्क से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. लगभग एक सप्ताह से प्रदेश के रिकवरी दर में हर दिन सुधार देखने को मिल रहा है. पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 35,903 लोग कोविड से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हुए हैं.