Share Market Tips एक और एहतियात जो हमें बरतना है वह बुल मार्केट के बारे में है। कई कहानियां एक-दूसरे को फॉरवर्ड करके फैलाई जा रही है और कई शेयर न्यूनतम संभव समय में 40 50 और 100 फीसद तक बढ़ रहे हैं।
नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। यह उच्च अस्थिरता के साथ सीमाओं में बंधा हुआ सप्ताह रहा। बीते हफ्ते निफ्टी 14340 पर बंद हुआ। 14300 से 15000 की रेंज पिछले 2 महीनों में कम से कम 9 अवसरों पर देखी जा चुकी है, लेकिन केवल दो बार ही हमने 14300 से नीचे की क्लोजिंग देखी। क्या इसका मतलब यह है कि 14300 या 14157 बाजार का निम्न स्तर है…? ज़रूरी नहीं। यहां कोई भी परिभाषित बॉटम या टॉप नहीं है। जो लोग बॉटम फिशिंग की कोशिश करते हैं, वे हमेशा खुद को एक समय पर फंसा हुआ पाते हैं। हम इसके पीछे के तर्क को पहले समझा चुके हैं। ट्रेडर्स के लिए अधिकतम 10 फीसद के स्टॉप लॉस के साथ स्क्रीन प्राइस एक सही मूल्य है। वहीं, ऑपरेटर्स के लिए कोई सही कीमत नहीं है, क्योंकि उनकी लागत हमेशा नकारात्मक होती है।
इसलिए निवेशकों को खरीदारी के लिए हमेशा साप्ताहिक एसआईपी मॉडल को फॉलो करना चाहिए और इसका दो से तीन महीने तक विस्तार करना चाहिए, जिससे उनकी खरीद का औसत बेहतर हो सकते। वहीं, ट्रेडर्स के पास उन चार्टों पर भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिन्हें फिर से व्यक्तियों द्वारा परिभाषित और नियंत्रित किया जाता है। जब आप देखते हैं कि आप चार्ट पर सफल हो गए हैं, तो यह आपकी सफलता नहीं है, यह उस व्यक्ति की इच्छा है, जो उस काउंटर को नियंत्रित करता है।
यदि आप वांछित स्तर से अधिक खरीदारी करते हैं, तो स्टॉक गिर जाएगा और स्टॉप लॉस ट्रिगर हो जाएगा। ध्यान रखें, आप में से कई एल्गोरिथम फॉलो करने की कोशिश कर रहे होंगे, लेकिन जो व्यक्ति इस एल्गोरिथम के पीछे है, वह सुपर एल्गो है। इसका मतलब है कि जब ब्रेक आउट आता है और आप उनकी एल्गो खरीदते हैं, तब वे बेचना शुरू कर देते हैं और जब तक बेचते हैं, जब तक स्टॉप लॉस ट्रिगर नहीं हो जाता और एल्गो को उल्टा कर देते हैं। नीति निर्माता भी उन बहुत बड़े खिलाड़ियों का पक्ष लेते हैं, जो बाजार को नियंत्रित करते हैं।
एक और एहतियात जो हमें बरतना है, वह बुल मार्केट के बारे में है। कई कहानियां एक-दूसरे को फॉरवर्ड करके फैलाई जा रही है और कई शेयर न्यूनतम संभव समय में 40, 50 और 100 फीसद तक बढ़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, हर फार्मा कंपनी का शेयर रेमडेसिवीर के चलते ऊपर उठाया जा रहा है, जो वास्तविकता से काफी दूर है। ठीक है, निवेशक ग्लैमर से बच नहीं सकते, लेकिन निश्चित रूप से ऐसे शेयरों में अपनी लागत को शून्य तक कम करने के लिए नियमित अंतराल पर मुनाफा बुक करते रहना चाहिए। केवल बॉटम अप एप्रोच ही निवेशकों को लॉन्ग टर्म आधार पर बचा सकता है।
अब वैल्यूएशन पर वापस आते हैं। हम 32 के पीई अनुपात के साथ सहज हैं। हालांकि, एनएसई पीई अब समेकित कमाई पर है, जो अभी भी ऐतिहासिक आधार पर है। हमें वास्तव में अब वित्त वर्ष 2022 के बारे में बात करनी चाहिए, जो 1 साल आगे की पीई है और हमारी राय में 16 से 18 फीसद की ग्रोथ का अनुमान लगाते हुए 23-24 से अधिक नहीं है। यहां तक कि जीडीपी-बाजार पूंजीकरण अनुपात 100 फीसद से कम है, जिसमें कम से कम 20 फीसद की ऊपर जाने की ओर गुंजाइश है।
ये सब हमारी इस धारणा को मजबूत करते हैं कि हम 15900 से 16600 तक के लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। हालांकि, इस मोड़ पर ट्रेडर्स बिकवाली कर रहे हैं। यह विचलन बढ़ते कोरोना संक्रमण के आंकड़ों, अस्पतालों, बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर की कमी जैसी खबरों के कारण है। जब बेयर्स चार्ज लेते हैं, तो उन्हें हमेशा मीडिया से मदद मिल जाती है। मीडिया की सुर्खियां मौजूदा स्थिति को व्यापक रूप में दिखाती हैं और ट्रेडर्स को उस अनुसार सोचने और गलत कॉल लेने के लिए प्रेरित करती हैं।
यहाँ भी पहले यह पूरी तरह से लॉकडाउन की आशंका के साथ शुरू हुआ। जब माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ण लॉकडाउन नहीं हो सकता है और यहां तक कि राज्यों को इसे अंतिम विकल्प के रूप में उपयोग करने की सलाह दी, तो बेयर्स ने मुट्ठी भर विश्लेषकों के माध्यम से जमीनी वास्तविकता को फैलाना शुरू कर दिया। हम ऐसी रिपोर्टें देख रहे हैं कि एक भी ट्रैक्टर की बिक्री नहीं हुई, कोई ऑटो बिक्री नहीं है, कोई कपड़ा नहीं बिक रहा है, आदि-आदि। ध्यान दें कि, हम 2020 में 60 दिनों के लिए लॉकडाउन में बंद कर दिए गए थे, लेकिन बाद में बढ़ी हुई मांग ने सभी आंकड़ों की पूर्ति कर दी। साल 2021 में भी 7 दिन या 15 दिन के लॉकडाउन को बाद में बढ़ी हुई मांग के माध्यम से समायोजित किया जाएगा।
दूसरी ओर, आईआईएम के अध्ययनों से पता चलता है कि मुंबई में पीक आ गया है। महाराष्ट्र भी लगभग पीक के आस-पास है। उनके अध्ययनों के अनुसार, भारत भी मई के दूसरे सप्ताह में पीक पर पहुंच जाएगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि रिकवरी ग्राफ बहुत बेहतर है और यह एक ट्रेंड डिसाइड करने वाला हो सकता है।
इस प्रकार बेयर्स द्वारा लगातार किया जा रहा हमला निफ्टी को अधिकतम 13900 (15450 से 10 फीसद की गिरावट) तक ले जा सकता है, जो अब बहुत दूर नहीं है, क्योंकि बाजार को अब सिर्फ एक सत्र में 300 से 500 अंकों की गिरावट देखने की आदत हो गई है। लेकिन उनका झूठ वी-शेप की उछाल के लिए मजबूत अवसर भी प्रदान करेगा, जैसा कि हमने मई 2020 में देखा था। सिर्फ 10 महीनों से भी कम समय में ही निफ्टी ने 7500 से 15000 तक आकर इतिहास रचा था।
स कहानी के दोहराने की संभावना केवल इसलिए संभव है, क्योंकि फ्लो रुका है, बंद नहीं हुआ है। 17 ट्रिलियन डॉलर क्यूई अभी आधा निष्पादित किया गया है और शेष 50 फीसद निष्पादन भारत में कम से कम 50 बिलियन डॉलर लाएगा, जो किसी भी चार्ट पर नहीं लिखा गया है। अनिश्चितता निवेशकों का सबसे अच्छा दोस्त है। आपने मई 2020 में हमें फॉलो किया था, जब निफ्टी 7500 पर था और इतनी बड़ी दौलत बनाई, जो शायद आप एक दशक में भी नहीं बना सकते। अब एक और अवसर आपके पास आ रहा है।
अस्पतालों, बेड्स, ऑक्सीजन और दवाइयों के मुद्दे सभी प्रबंधनीय मुद्दे हैं और सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। इस मोर्चे पर एक या दो सप्ताह में बड़ी स्पष्टता आ जाएगी। अगले 3 से 4 सप्ताह में भी पीक थ्योरी आपके सामने होगी। सामान्य मानसून, ताजा प्रवाह, अधिक सुधार और पेंट-अप डिमांड से कंपनियों के संतुलित आंकड़े एक बार फिर इस चक्र को बदल सकते हैं। हमने 2020 के क्रैश में कई स्टॉक उठाए थे और वे 5 से 10 गुना हो गए और अभी भी तेजी चालू है।
बॉटम अप दृष्टिकोण को फॉलो कर यह अच्छे शेयरों को लेने का एक विशेष समय है और आप फिर से मल्टीबैगर्स बन सकते हैं। बैंकिंग, एनबीएफसी, कंस्यूमर ड्यूरेबल, स्टील, माइनिंग, केमिकल्स, बड़ी आईटी कंपनियां 2021 में भी कमाल कर देंगी। हम एक बुल मार्केट में हैं और हमें यकीन है कि पैसा बनाने के लिए बुल मार्केट में हर गिरावट पर खरीदने के नियम का अनुसरण करना होता है। एसआईपी मॉडल बहुत सारे जोखिमों को दूर कर सकता है।