सरकार ने टीकाकरण अभियान को नया आयाम देने का फैसला किया है। टीकाकरण के अगले चरण में 18 से 45 साल की उम्र के लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जानी है। हालांकि इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें लगाई है जिसे पूरा करना अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में गहराती कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार ने टीकाकरण अभियान को नया आयाम देने का फैसला किया है। टीकाकरण के अगले चरण में 18 से 45 साल की उम्र के लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जानी है। हालांकि इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें लगाई है जिसे पूरा करना अनिवार्य होगा। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड वैक्सीन लगवाने के इच्छुक 18 से 45 साल की उम्र के लोगों के लिए कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआइ ने बताया है कि अगले चरण के टीकाकरण की शुरुआत में लोगों को केंद्र पर पंजीकरण कराने की अनुमति नहीं होगी यानी स्पष्ट है कि अगले चरण के टीकाकरण का लाभी लेने के लिए लोगों को पहले कोविन पोर्टल (CoWIN web portal) पर रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवाने के लिए समय लेना होगा। हालांकि 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीकाकरण केंद्र पर पंजीकरण कराकर वैक्सीन लगवाने की सुविधा पहले की तरह ही जारी रखी जाएगी।
मालूम हो कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को एक मई से टीका लगाने का निर्णय लिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि सभी लोगों को कोविड वैक्सीन लगाए जाने की शुरुआत करने के बाद वैक्सीन की मांग में इजाफा होने का अनुमान है। टीकाकरण केंद्रों और अस्पतालों पर एक साथ भारी भीड़ नहीं जमा हो इसके लिए 18 से 45 साल लोगों के लिए कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना और वैक्सीन लेने के लिए समय लेना अनिवार्य कर दिया गया है। टीकाकरण केंद्रों पर अफरातफरी नहीं मचे इसलिए वहां पंजीकरण कराने की अनुमति नहीं होगी।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक 28 अप्रैल से 18 से 45 साल की उम्र के लोगों के लिए कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतु एप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि टीकाकरण की प्रक्रिया और टीका लगवाने के लिए जरूरी दस्तावेज पहले वाले ही रहेंगे। मौजूदा वक्त में निजी अस्पताल केंद्र सरकार से टीकों की डोज लेकर 250 रुपए प्रति खुराक के हिसाब से लोगों को लगा रहे हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक अब एक मई से यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी और प्राइवेट अस्पतालों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराकें लेनी होंगी।