Bihar

Covid-19 Update: मुजफ्फरपुर ऑक्सीजन प्लांट में हुआ कोरोना, सभी कर्मचारी निकले संक्रमित

प्लांट में काम करने वाले सभी कर्मियों का कोविड (Covid) टेस्ट कराया जा रहा है. जबकि बाहर से आने वालों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plant) का पूरा परिसर कोविड की चपेट में आ गया है. इस प्लांट में काम करने वाले 6 कर्मी और अधिकारी कोरोना संक्रमित (Corona Infected) पाए गये हैं. दरअसल प्लांट में इन दिनों आने जाने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. प्लांट में आने वालों में अस्पतालों के कर्मी, ऑक्सीजन डीलर के कर्मी और कोरोना पीड़ित मरीजों के परिजनों की संख्या भी काफी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हीं लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण फैला है. वहीं, प्लांट में काम करने वाले सभी कर्मियों का कोविड टेस्ट कराया जा रहा है. जबकि बाहर से आने वालों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. पूरे परिसर को नियमित रुप से सैनेटाइज किया जा रहा है और इसके गेट पर गार्ड लगाकर सुरक्षा बढ़ा दिया गया है.

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बता दें कि मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर मौत के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है. शुक्रवार की शाम तक बीते 24 घंटे में राज्यभर में 54 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई. सबसे ज्यादा मौत एनएमसीएच में हुई जहां गुरुवार रात से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे और यहां 24 घंटे में कुल 24 लोगों की जान गई. पीएमसीएच में 7 और पटना एम्स में भी 5 मरीजों की मौत हो गई. राज्य भर में 48 घंटे के भीतर ही 113 लोग काल की गाल में समा गए.

नौजवानों को भी प्रभावित कर रहा है
वहीं, राज्य में रिकवरी दर में भी तेजी से गिरावट देखी जा रही है. यह घटकर 79.28 प्रतिशत तक पहुंच गया है. मरनेवालों में ज्यादातर सीनियर सिटीजन लोग शामिल हैं जिनमें पॉजिटिव होने के बाद सांस लेने में परेशानी हुई और इलाज के दौरान मौत हो गई. आईएमए के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अजय कुमार की मानें तो कोरोना के दूसरे स्ट्रेन इतने घातक हैं कि जिन्हं पहले से कोई गम्भीर बीमारी है उन्हें ज्यादातर नुकसान पहुंचा रहा है. जबकि नया स्ट्रेन का वायरस बच्चों और नौजवानों को भी प्रभावित कर रहा है. यहां तक कि जान भी जा रही है.
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अस्पताल भी ले जाया जा सकता है


डॉ अजय ने कहा कि मरीज जैसे ही पॉजिटिव हो रहे हैं तभी 3 से 4 दिनों के भीतर सांस लेने में कठिनाई होने लगती है और सीधा ऑक्सीजन लेवल नीचे जाने लगता है. यहां तक कि ज्यादातर लोगों की जान ऑक्सीजन लेवल के नीचे जाने और फेफड़ों में संक्रमण की वजह से ही जा रही है. इन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जरूरत है कि हर घर मे लोग ऑक्सीमीटर खरीद कर रख लें और पॉजिटिव होने के बाद समय समय पर ऑक्सीजन की जांच करें. इससे लेवल डाउन  होने पर उसे ऑक्सीजन मुहैया कराया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर अस्पताल भी ले जाया जा सकता है.

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