रायगढ़. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना नियंत्रण की व्यवस्था और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्रियों की एक बैठक की. इस वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बैठक में आग्रह किया कि केंद्र सरकार को जिस दर पर कोरोना के टीके मिल रहे हैं उसी दर पर राज्यों को भी टीका उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि इससे राज्यों पर वित्तीय भार कम होगा.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाली वैक्सीन की आपूर्ति की समय सारणी मुहैया कराने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य में सभी पात्र लोगों के टीकाकरण की कार्ययोजना बनाई जा सकेगी. इस बैठक में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल भी मौजूद थे.
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मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से ऑक्सीजन उत्पादक राज्य अपनी जरूरत के बाद का अतिरिक्त ऑक्सीजन प्राथमिकता से दूसरे राज्यों को उपलब्ध करा रहे हैं. वैसे ही रेमडेसिविर और अन्य जीवनरक्षक दवाइयों के उत्पादक राज्य प्राथमिकता से इन्हें उपलब्ध कराएं. इसके लिए भारत सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया जाना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि छत्तीसगढ़ में इस्पात उद्योगों की अधिकता को देखते हुए औद्योगिक ऑक्सीजन के उत्पादन और उसके उपयोग की अनुमति दी जाए, जिससे अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव न पड़े और इन उद्योगों से जुड़े हजारों परिवारों के समक्ष रोजगार का संकट न उत्पन्न हो .
CM बघेल ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में व्यवस्थाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं. निजी अस्पतालों में भी संक्रमितों के इलाज की दरें तय की गई हैं. चिकित्सा क्षेत्र में मानव संसाधन बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ही नए डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है. रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने और जरूरतमंदों तक इसे पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के साथ ही सभी नगरीय निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं से लगातार चर्चा कर कोरोना प्रबंधन में उनकी सहायता ली जा रही है. डीएमएफ, सीएसआर, सांसद निधि, विधायक निधि और महापौर निधि की राशियों का भी उपयोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए व्यवस्थाएं विकसित करने में की जा रही हैं.
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आठ नई औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस जारी किए गए हैं. प्रदेश में कुल 29 यूनिटों द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है. राज्य की जरूरत के बाद का अतिरिक्त ऑक्सीजन हम दूसरे राज्यों को भी दे रहे हैं.