कोरोना की दूसरी लहर ने भयानक तबाही मचाई है। इससे बचने के तमाम कोशिशें की जा रही हैं। इसी कड़ी में बैंक कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए बैंक खोलने और बंद करने के समय में बदलाव किया गया है। 15 मई तक बैंक चार घंटे ही खुलेंगे। इसके साथ ही कंपिनयों को कर अनुपालन में रियायत और पिछले साल राहत पैकेज के तहत दी गई प्रमुख योजनाओं की समय-सीमा बढ़ाने की तैयारी है। वहीं, दूसरी ओर जीपीएफ पर ब्याज दर की भी घोषणा कर दी गई है।
1. चार घंटे ही खुलेंगे बैंक
कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य स्तरीय बैंकर समिति ने निर्णय लिया है कि 15 मई तक बैंकों में कामकाज की अवधि दो घंटे घटाकर 10 बजे से दो बजे तक होगा। इसके साथ ही इस संकट के समय में सिर्फ जमा, नकदी निकासी, चेक क्लीयरिंग एवं सरकारी लेनदेन जैसी न्यूनतम बैंकिंग सेवाएं ही बैंक शाखाओं में दी जाएंगी। बैंक में सिर्फ 50% कर्मचारियों को ही आने की अनुमति दी गई है। अगर जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कोई नया आदेश जारी करता है तो उसका ऑर्डर सबसे ऊपर माना जाएगा।
2. इस साल भी लाभांश नहीं देंगे बैंक
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए इस साल भी बैंक अपने निवेशकों को लाभांश नहीं देंगे। दरअसल, आरबाआई ने बैंकों से लाभांश देने से रोक दिया है। बैंकों की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसका असर लाखों बैंकिंश शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों को होगा। उनको पिछली साल की तरह इस साल भी लाभांश नहीं मिलेगा।
3. जीपीएफ पर 7.1% की दर से ब्याज मिलेगा
सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ), ग्रेच्युटी फंड्स और विशेष जमा योजना पर ब्याज को इस साल भी अपरिवर्तित रखा है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अप्रैल-जून 2021 तिमाही में ग्राहकों को 7.1 % की दर से ही ब्याज मिलेगा। जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर की समीक्षा हर 3 महीने की जाती है।
4. फंड हाउस को ऑनलाइन सलाह देना मुश्किल
कोरोना महामारी ने वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन कल्चर को बढ़ावा दिया है। हालांकि, बहुत सारे काम ऑनलाइन आसानी से हो रहे हैं तो कुछ जगह परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। ऑनलाइन सलाह मुहैया करने वाले म्यूचुअल फंड हाउस को अपने निवेशकों को सही सलाह मुहैयार करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने इसकी जानकारी सेबी को दी है।
5. कंपनियों को टैक्स अनुपालन में राहत संभव
कोरोना संकट से छोटी से बड़ी कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसको देखते हुए सरकार एक बार फिर से कंपिनयों को कर अनुपालन की समयसीमा में राहत दे सकती है। इसके साथ ही पिछले साल राहत पैकेज में दी गई योजनाओं को भी आगे बढ़ा सकती है। इसकी शुरुआत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना से कर दी है। इस स्कीम के तहत लाभ लेने की समयसीमा 30 जून कर दी गई है।