आइए जानते हैं आज इन शब्दों का मतलब आखिर क्या है. दरअसल बैंक का लोन मुख्य रूप से दो बड़ी कैटेगरी में लोन देते हैं. इसमें एक है सिक्योर्ड लोन और दूसरा है अनसिक्योर्ड लोन.
आपने जब भी लोन के बारे में सुना होगा तो दो शब्द आपको जरूर सुनाई दिया होगा, पहला शब्द सिक्योर्ड लोन और दूसरा अनसिक्योर्ड लोन. कई बार लोगों को इन शब्दों का मतलब सही से पता नहीं होता. न इनके बीच का अंतर पता होता है. ऐसे में आइए जानते हैं आज इन शब्दों का मतलब आखिर क्या है. दरअसल बैंक का लोन मुख्य रूप से दो बड़ी कैटेगरी में लोन देते हैं. इसमें एक है सिक्योर्ड लोन और दूसरा है अनसिक्योर्ड लोन.
गारंटी
सिक्योर्ड लोन किसी गारंटी के साथ दिया जाता है जैसे होम लोन और कार लोन. बैंक का लोन खत्म होने के बाद ही एसेट पर आपको पूरा अधिकार मिलता है.
अनसिक्योर्ड लोन में किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है. पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन अनसिक्योर्ड लोन होते हैं.
ब्याज की दरें
सिक्योर्ड लोन में ब्याज की दरें अनसिक्योर्ड लोन के मुकाबले कम होती हैं.
जोखिम
सिक्योर्ड लोन में जोखिम कम होता है क्योंकि कोई एसेट गारंटी के तौर पर बैंक के पास रखा जाता है. इस पर कम ब्याज दर का भी यही कारण है.
अनसिक्योर्ड लोन में जोखिम अधिक होता है क्योंकि यह पूरी तरह से ग्राहक की साख पर दिया जाता है.
लोन की अवधि
अनसिक्योर्ड लोन छोटी अवधि के लिए दिए जाते हैं.
सिक्योर्ड लोन मध्यम से लंबी अवधि के हो सकते हैं.
लोन की रकम
अनसिक्योर्ड लोन में कर्ज की रकम कम होती है.
सिक्योर्ड लोन की रकम गारंटी के तौर पर रखे जा रहे एसेट की वैल्यू पर निर्भर करती है.
दोनों तरह के लोन देने में बैंक क्रेडिट स्कोर को जरूर देखते हैं.