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PM मोदी की अपील का असर, जूना अखाड़े ने कुंभ के समापन का किया ऐलान

पीएम मोदी की अपील का सम्मान करते हुए शनिवार को एक और अखाड़े ने हरिद्वार महाकुंभ के समापन की घोषणा कर दी. जूना अखाड़े ने कहा कि उसके लिए जनता के जीवन की रक्षा सबसे अहम है, इसलिए कुंभ का विसर्जन कर रहा है.

नई दिल्ली: पीएम मोदी की अपील के बाद जूना अखाड़ा ने भी हरिद्वार महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) की समाप्ति की घोषणा कर दी है. जूना अखाड़ा (Juna Akhada) ने बयान जारी करके कहा कि उसके लिए भारत की जनता और उसकी जीवन रक्षा पहली प्राथमिकता है. 

‘जनता के जीवन की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण’

जूना अखाड़े के श्रीमहंत स्वामी अवधेशानंद गिरि (Swami Awadheshanand Giri) ने कहा,’भारत की जनता और उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है. जूना अखाड़ा की ओर से यह कुंभ का विधिवत विसर्जन-समापन है.’

पीएम ने स्वामी अवधेशानंद को किया कॉल

इससे पहले शनिवार को दिन में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने स्वामी अवधेशानंद गिरि (Swami Awadheshanand Giri) को कॉल करके साधु-संतों का हाल जाना था. साथ ही हरिद्वार महाकुंभ में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए उनसे कुंभ के समापन और 30 अप्रैल तक उसे प्रतीकात्मक रखने की अपील की थी. प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह जारी किया.

फिलहाल हरिद्वार न आने की अपील

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं. जीवन की रक्षा महत पुण्य है. मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं और नियमों का निर्वहन करें. ’ इसके बाद जूना अखाड़े के बाकी महामंडलेश्वरों से विचार-विमर्श के बाद श्रीमहंत स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अपनी ओर से कुंभ के विधिवत समापन की घोषणा कर दी. 

कुंभ में सहभागिता को प्रतीकात्मक रखने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर स्वामी अवधेशानंद गिरि (Swami Awadheshanand Giri) ने कहा, ‘धर्म एक बड़ी चीज है, लेकिन मानव जीवन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है.’ हरिद्वार में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें अहसास करना चाहिए कि वर्तमान कोरोना जितना घातक और जानलेवा है, उतना पहले वाला नहीं था. ऐसे में भावुक श्रद्धलुओं से मेरी अपील की है कि उन्हें कुंभ मेले में सीमित संख्या में ही आना चाहिए.’

प्रतीकात्मक सहभागिता की अपील 

उन्होंने साधु-संतों से दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रतीकात्मक रखने की भी अपील की. स्वामी अवधेशानंद ने वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा के मद्देनजर मेले से बचने की सलाह दी. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया, ‘मैं कुंभ के समापन की घोषणा नहीं कर रहा हूं. बस मैं इतना कह रहा हूं कि कुंभ समापन की ओर बढ़ रहा है और दो बड़े शाही स्नान होने जा रहे हैं. एक शाही स्नान बचा है, जिसमें बस बैरागी संत हिस्सा लेते हैं. अन्य का बस सांकेतिक प्रतिनिधित्व होता है.’

मानवता के लिए करें पहल

उन्होंने कहा, ‘बैरागी संतों का शाही स्नान होगा ही. प्रशासन उसके आयोजन के लिए कटिबद्ध है लेकिन मेरी निजी अपील है कि मानवता के लिए चीजें सीमित और प्रतीकात्मक हों. ’ स्वामी अवधेशानंद गिरि (Swami Awadheshanand Giri) ने निरंजनी अखाड़े का बचाव भी किया, जिसने हाल ही में घोषणा की थी कि उसके लिए यह कार्यक्रम पूरा हो गया है. 

रामनवमी पर होना है आखिरी स्नान

बताते चलें कि निरंजनी और आनंद अखाड़े भी इससे पहले अपनी ओर से महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) के समापन की घोषणा कर चुके हैं. महाकुंभ के तीन शाही स्नान—महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं. अब केवल रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है. कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, जिससे सरकार की परेशानी बढ़ी हुई है. 

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