Bihar

Bihar Me lockdown! बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से हड़कंप, सीएम नीतीश ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग… लिया जा सकता है बड़ा फैसला

Bihar Me lockdown! बिहार में कोरोना के बेकाबू होते जा रहे हालात के बाद मशीनरी में भी हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच राज्यपाल के साथ सर्वदलीय बैठक से पहले सीएम नीतीश कुमार ने आज एक हाईलेवल मीटिंग बुला ली है।

हाइलाइट्स:

  • बिहार में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू
  • सीएम नीतीश ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग
  • कल ही होनी है राज्यपाल के साथ सर्वदलीय बैठक
  • बिहार में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे

पटनाः
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर अब बेकाबू हो चुकी है। 24 घंटे में 6 हजार से ज्यादा पॉजिटिव और 24 लोगों की मौत के बाद सरकार में भी हड़कंप की हालत है। राजधानी पटना के ही कई अस्पताल ऑक्सीजन खत्म होने का हवाला दे रहे हैं। इसी दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कोरोना के वर्तमान हालात पर हाईलेवल मीटिंग बुला ली है।

सीएम नीतीश ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग
बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। स्थिति ऐसी हो गई है कि राजधानी पटना के अधिकांश अस्पताल में कोरोना वार्ड पूरी तरह से भरे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। सरकार के तमाम दावे फेल साबित हो रहे हैं। कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर सीएम नीतीश ने आज शाम हाईलेवल मीटिंग बुलाई है।

शाम 4 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मीटिंग
जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश ने आज शाम साढ़े 4 बजे कोरोना पर हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। सचिवालय सभागार में हाईवेल मीटिंग होगी जिसमें वर्तमान स्थिति की समीक्षा की जायेगी। साथ ही आगे का निर्णय लिया जायेगा। संभव है कि आज की बैठक में कोई बड़ा निर्णय लिया जाये। बता दें कि कल यानी 17 अप्रैल को कोरोना के मुद्दे पर राज्यपाल की अध्यक्षता में सर्वदलीय मीटिंग होने वाली है। इसके पहले सीएम नीतीश ने आज शाम में मीटिंग बुलाई है।

पटना हाईकोर्ट ने सरकार को दिखाया आईना
बिहार में विकराल हो चुकी कोरोना की दूसरी लहर के बीच पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को और खासकर स्वास्थ्य विभाग को आईना दिखाया है। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को कहा कि सबकुछ अच्छा है, ये तस्वीर मत दिखाइए। अगर ऐसा होता तो अदालत को दखल देने की जरुरत नहीं होती।

कोर्ट ने राज्य में कोरोना के हालात पर जताई चिंता
राज्य में बढ़ते करोना संक्रमण पर पटना हाईकोर्ट ने चिंता जतायी है। हाईकोर्ट ने कोरोना से निपटने के लिए की गई तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है।कोर्ट ने जांच रिपोर्ट में देरी, इलाज नहीं मिलने पर चिंता जताई है। कोर्ट ने टिप्पणी दी है कि आम लोगों के लिए सरकारी अस्पताल का दरवाजा लगभग बंद सा है। आम लोगों को भर्ती करने से मना कर दिया जा रहा है। कहीं बेड नहीं होने तो कहीं ऑक्सीजन नहीं होने की जानकारी दी जा रही है। यह गलत है।

कोर्ट ने सरकार को दिखाया आईना
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि अस्पताल आये लोगों को भर्ती करने तथा उन्हें बेहतर इलाज देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। सुविधा नहीं है तो उसे बढ़ाने तथा संसाधन उपलब्ध कराने की कार्रवाई करें। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य में जिस तरह करोना संक्रमण फैल रहा है वह चिंताजनक है।

इसके अलावा हाईकोर्ट की ओर से विभाग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी जांच घर में आरटीपीसीर जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लग जा रहे हैं, जबकि प्राइवेट जांच घर में रिपोर्ट समय पर दी जा रही है। पत्र में यह भी कहा गया है कि गत 5 अप्रैल से अब तक हाईकोर्ट में 85 लोगों की रिपोर्ट पॉजेटिव आयी है।

हाईकोर्ट ने केस दर्ज कर शुरू की कार्रवाई
इन सभी बातों को लेकर हाईकोर्ट ने एक केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। मामले पर न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने वर्चुअल सुनवाई की। कोर्ट ने देर शाम तक सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग की जमकर खिंचाई की। विभाग के प्रधान सचिव ने करोना से बचाव के लिए किये गए उपाय के बारे में जानकारी दी। हालांकि, कोर्ट उनकी दी गई जानकारी को पूरी तरह मंजूर नहीं किया। कोर्ट में कहा कि सबकुछ अच्छा है यह तस्वीर मत दिखाइये। यदि सब कुछ ठीक रहता तो कोर्ट इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं होती।

कोर्ट के सवालों का जवाब नहीं दे पाया स्वास्थ्य विभाग
कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से जब सवाल करना शुरू किया तो अधिक जवाब नहीं दे पाए। कोर्ट ने पूछा, सभी सरकारी अस्पतालों एक्सरे मशीन व सीटी स्कैन है। अस्पताल में ऑक्सीजन है, अलार्मिंग सिचुएशन के कारण जनता में घबराहट की स्थिति है। मुफ्त में दी गई जमीन पर बने अस्पताल में कोविड का इलाज क्यों नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने पूछा, लोगों में इंफेक्शन लेवल कितना है। इसकी पूरी जानकारी दें। सिर्फ निगेटिव पॉजिटिव से काम नहीं चलेगा। मामले में प्रत्येक सिविल सर्जन, डीएम सहित 88 को प्रतिवादी बनाया गया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top