Post Office Saving Account: पोस्ट ऑफिस के बचत खाते को लेकर बड़ी खबर आई है. अब वित्त मंत्रालय ने मिनिमम बैलेंस को मेंटेन करने के लिए चारज को कम करके आधा कर दिया है.
Post Office Saving Account: वित्त मंत्रालय ने पोस्ट ऑफिस के बचत खाते में न्यूनतम राशि रखने को लेकर लगने वाले चार्जेज में बड़ा बदलाव कर दिया है. इसके बाबात वित्त मंत्रालय की तरफ से 9 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. इसके मुताबिक, अब मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर लगने वाली पेनाल्टी की राशि को आधा कर दिया गया है.
इसके पहले पोस्ट ऑफिस के बचत खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं मेंटेन करने पर 100 रुपए की पेनाल्टी लगती थी. अब इसे घटाकर आधा यानी 50 रुपए कर दिया गया है. पोस्ट ऑफिस बचत खाते के लिए मिनिमम बैलेंस 500 रुपए है. अगर खाताधारक इसको मेंटेन नहीं करते हैं तो 100 रुपए मेंटिनेंस फीस के रूप में काटी जाएगी. अगर आपके पोस्ट ऑफिस के खाते में 500 रुपए से ज्यादा जमा हैं, तो उसमें से आप 500 रुपये छोड़कर बाकी रकम निकाल सकते हैं. एक वित्त वर्ष के अंत में अगर आपने 500 रुपये से ज्यादा नहीं जमा किया तो जमा राशि में से 100 रुपए मेंटिनेंस फीस काट ली जाएगी. इस तरह से अगर आपने खाते में लेन-देन नहीं किया तो धीरे-धीरे बैलेंस शून्य हो जाएगा. उसके बाद आपका खाता बंद हो जाएगा
लेकिन अब आपके खाते में 500 रुपए का मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं रहता है, तो पेनाल्टी के रूप में केवल 50 रुपये ही काटे जाएंगे. अगर मिनिमम बैलेंस चार्ज काटने के बाद अकाउंट बैलेंस शून्य हो जाता है तो यह खाता स्वंय बंद हो जाएगा. अगर आपके खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं है तो आपको ब्याज भी नहीं मिलेगा.
मिनिमम बैलेंस का नियम साइलेंट खाते पर लागू होता है. जिस खाते से लगातार तीन साल तक कोई लेन-देन नहीं किया जाता है. उसे साइलेंट खाता कहा जाता है.
बता दें, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 में मिनिमम बैलेंस की शर्त को समाप्त कर दिया था. अभी एसबीआई के खाते में मिनिमम मंथली बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है.
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