विटामिन सी, फोलेट, पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर लीची सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद तो है, लेकिन ज्यादा लीची खाने की वजह से एलर्जी या शुगर लेवल बढ़ने की भी समस्या हो सकती है.
नई दिल्ली: आम, तरबूज और खरबूजे की ही तरह लीची भी गर्मियों के मौसम (Summer fruit litchi) का प्रमुख फल है. लीची बेहद मीठी और रसीली होती है इसलिए ज्यादातर लोग इसे पसंद भी करते हैं. लेकिन आपकी सेहत बनी रहे इसके लिए सीमित मात्रा में ही लीची खाएं. इसका कारण ये है कि लीची की तासीर गर्म होती है और ज्यादा लीची (Avoid excess litchi) खाने से कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं. अगर लीची आपकी भी फेवरिट है तो इसे खाने से पहले इसके फायदे और नुकसान दोनों के बारे में जान लें.
लीची खाने के फायदे
1. लीची में फाइबर (Fiber) की मात्रा अधिक होती है इसलिए यह कब्ज की समस्या (Constipation) दूर करने में मदद करती है. साथ ही पाचन से जुड़ी अन्य दिक्कतें जैसे- उल्टी, पेट खराब होना या पेट में अल्सर जैसी समस्याओं को भी दूर कर सकती है लीची.
2. लीची में फाइबर के साथ ही पानी भी काफी मात्रा में होता है. साथ ही इसमें फैट बिल्कुल नहीं होता है और कैलोरीज भी कम ही होती हैं. इसलिए लीची खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है और आप ओवरईटिंग करने से बच जाते हैं. ऐसे में वेट लॉस (Weight loss) में भी मदद करती है लीची.
3. गर्मी के मौसम में अक्सर पसीना ज्यादा निकलने की वजह से शरीर में पानी की कमी (Dehydration) हो जाती है. ऐसे में लीची एक ऐसा फल है जिसमें भरपूर मात्रा में पानी होता है और यह शरीर को अंदर से ठंडा रखने में भी मदद करती है.
4. लीची में विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं जो त्वचा पर मुंहासे (Acne and pimples) आने से रोकते हैं और आपकी स्किन में नई चमक आती है.
लीची के हैं कुछ नुकसान भी
-जैसा की हमने आपको पहले ही बताया है कि लीची की तासीर गर्म होती है इसलिए बहुत ज्यादा लीची खाने से नाक से खून बहने (Nose bleeding) की समस्या हो सकती है, दस्त हो सकता है या फिर बुखार भी आ सकता है.
-ज्यादा लीची खाने की वजह से गले में खराश (Throat infection) और इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता है.
-डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को लीची खाते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए. लीची नेचुरली बहुत मीठी होती है और ज्यादा खाने से शुगर लेवल बढ़ सकता है.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. )