Bank Privatisation: सरकार पहले चरण में कम से कम दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का निजीकरण कर सकती है. सरकार के दो सूत्रों ने बताया कि अगले सप्ताह नीति आयोग (niti aayog), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय (Finance ministry) के वित्तीय सेवाओं और आर्थिक मामलों के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक है. यह बैठक 14 अप्रैल (बुधवार) को होगी.
नई दिल्ली. सरकार पहले चरण में कम से कम दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का निजीकरण कर सकती है. सरकार के दो सूत्रों ने बताया कि अगले सप्ताह नीति आयोग (niti aayog), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय (Finance ministry) के वित्तीय सेवाओं और आर्थिक मामलों के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक है. यह बैठक 14 अप्रैल (बुधवार) को होगी. बैठक में निजीकरण के संभावित बैंकों पर चर्चा होगी. सूत्र ने कहा कि चार से पांच PSB का सुझाव नीति आयोग द्वारा दिया गया है और बैठक में उन पर चर्चा की जाएगी.
प्राइवेटाइजेशन की लिस्ट में ये बैंक शामिल
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, निति आयोग ने 4-5 बैंकों के नामों का सुझाव दिया है और माना जा रहा है कि इस बैठक में किसी दो के नाम तय कर लिए जाएंगे. प्राइवेटाइजेशन की लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक के नाम की चर्चा है. इन बैंकों के शेयर में भी बंपर उछाल दिख रहा है. शुक्रवार को NIFTY PSU Banks के शेयरों में करीब 3 फीसदी की तेजी (इंट्रा डे तक) देखी गई.
ये बैंक नहीं होंगे लिस्ट में..
नीति आयोग के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा जिन बैंकों का पिछले कुछ समय में एकीकरण किया गया है, उन बैंकों का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा. इस समय देश में 12 सरकारी बैंक हैं. रिपोर्ट के आधार पर निजीकरण की लिस्ट में SBI के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा नहीं हैं.
बजट में हुआ था निजीकरण का ऐलान
बता दें कि सरकार में सरकार ने बजट में बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था.अगले कारोबारी साल में दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी है. निजीकरण की लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक के नाम की चर्चा है. अभी तक निजीकरण के लिए किसी भी बैंक का अंतिम चयन नहीं किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था.