देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 10वीं और 12वीं के 1 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने सरकार से बोर्ड परिक्षाओं को कैंसल करने या ऑनलाइन कराने का आग्रह किया है. बता दें कि इस साल 10वीं 12वीं की परीक्षाएं मई-जून महीने में होनी है. वहीं सीबीेएसई और सीआईएससीई का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर स्टूडेंट्स के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं
बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच कक्षा 10 और 12 के एक लाख से अधिक छात्रों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दें या उन्हें ऑनलाइन मोड में आयोजित करें. बता दें कि पिछले दो दिनों से ट्विटर पर #cancelboardexams2021″ ट्रेंड कर रहा है.
वहीं, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (CISCE) दोनों ने कहा है कि छात्रों के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं और परीक्षा के दौरान सभी COVID-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.
छात्रों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को बताया कि, “छात्रों को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है और सभी COVID प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील बनाया जा रहा है कि सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाए.”
Change.org याचिका में बोर्ड परीक्षाएं रद्द कराने का किया गया है आग्रह
बता दें कि Change.org पर एक याचिका में कहा गया है कि, “ भारत में स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. जब देश में कुछ ही मामले थे, तो उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया था और अब जब मामले चरम पर हैं तो वे स्कूल खोलने की योजना बना रहे हैं. हम शिक्षा मंत्री से इस मामले को देखने और इस वर्ष आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं को रद्द करने का आग्रह करते हैं क्योंकि छात्र पहले से ही बहुत तनाव में हैं. “
स्टूडेंट्स ने ट्वीटर पर परीक्षाएं ऑनलाइन कराने की मांग की
बता दें कि कई स्टूडेंट्स ने ट्विटर लिखा है कि, सरकार से कम से कम एक महीने के लिए परीक्षाएं स्थगित कर दे और फिर मामलों की संख्या के आधार पर आगे की समीक्षा करे. एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “इस महामारी में छात्रों को पहले ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है. कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई थीं, इसलिए परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए या छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के माध्यम से प्रमोट किया जाना चाहिए.”
गौरतलब है कि आमतौर पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी में आयोजित की जाती हैं और लिखित परीक्षा फरवरी में शुरू होती है और मार्च में समाप्त होती है. लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से, परीक्षा में देरी हुई जिन्हें इस साल मई-जून में कराने का फैसला लिया गया था.