20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज में पिछले साल टीडीएस (Tax Deducted at source, TDS) व टीसीएस (Tax Collected at Source, TCS) दरों छूट दी गई थी. अब एक अप्रैल से यह बंद हो गई है.
नई दिल्ली. 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो चुका है. नए साल में इनकम टैक्स (Income Tax ) की नई दरें भी लागू हो गई हैं. साथ ही सरकार ने बीते साल सरकार द्वारा घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज में टीडीएस (Tax Deducted at source, TDS) व टीसीएस (Tax Collected at Source, TCS) पर मिल रही रियायत भी खत्म हो गई है.
अब टीडीएस और टीसीएस के पुराने वाले यानी वास्तविक रेट लागू हो गए हैं. यानी अब अगर किसी को 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के दौरान बैंक एफडी में जमा से 40000 रुपए से ज्यादा का ब्याज आता है तो बैंक 7.5 फीसदी के बजाए 10 फीसदी की दर से TDS काटेंगे. कॉन्ट्रैक्ट, प्रोफेशनल फीस, ब्याज, किराया, डिविडेंड, कमीशन, ब्रोकरेज आदि के लिए भुगतान पर TDS की बढ़ी हुई दरें लागू होंगी.
बीते साल मिल रही थी 25 प्रतिशत की छूट
केंद्र सरकार ने मई 2020 में बचे हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नॉन सैलरीड पेमेंट के मामले में TDS और स्पेसिफाइड रेसिप्टस के लिए TCS रेट में कटौती की थी. यह कटौती 25 फीसदी की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का हिस्सा थी. करदाताओं के हाथ में ज्यादा पैसे बचें, इसलिए रेजिडेंट्स को किए जाने वाले नॉन सैलरीड स्पेसिफाइड पेमेंट के लिए TDS और स्पेसिफाइड रेसिप्टस के लिए TCS की रेट को 25% घटाया गया था. ये घटी हुई दरें 14 मई 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक लागू थीं.
अब इन कामों के लिए ज्यादा दरों से भरना होगा टैक्स
अचल संपत्ति की खरीद के लिए भुगतान पर टीडीएस 0.75 फीसदी से बढ़कर 1 फीसदी हो गया है. व्यक्तिगत किराए या एचयूएफ द्वारा किराए के भुगतान पर टीडीएस 3.75 फीसदी की दर थी, अब 5 फीसदी होगी. नेशनल सेविंग्स स्कीम के तहत डिपॉजिट्स के मामले में भुगतान पर टीडीएस 7.5 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो गया है. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए पेमेंट पर टीडीएस 3.75 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी से हो गया. डिविडेंड, ब्याज और अचल संपत्ति के किराए पर टीडीएस 7.5 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो गया. ईकॉमर्स भागीदारों पर टीडीएस 0.75 फीसदी से बढ़कर 1 फीसदी हो गया. प्रोफेशनल फीस के भुगतान पर टीडीएस 1.5 फीसदी से बढ़कर 2 फीसदी से हो गया. म्यूचुअल फंडों द्वारा यूनिट्स की पुनर्खरीद के लिए भुगतान पर टीडीएस 15 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी से हो गया. इंश्योरेंस कमीशन व ब्रोकरेस पर टीडीएस 3.75 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी से पर आ गया. म्यूचुअल फंडों द्वारा डिविडेंड के भुगतान पर टीडीएस 7.5 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो गया. 10 लाख रुपए से ज्यादा की मोटर व्हीकल बिक्री पर टीसीएस 0.75 फीसदी से बढ़कर 1 फीसदी पर आ गया. तेंदु के पत्तों, स्क्रैप, टिंबर, फॉरेस्ट प्रॉड्यूस और मिनरल्स जैसे कोयला, लिग्नाइट या लौह अयस्क की बिक्री पर भी टीसीएस बढ़ गया है.