केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खतरा जताते हुए देश वासियों से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगले चार हफ्ते हमारे लिए बहुत क्रिटिकल हैं. देश के कई हिस्सों में खतरनाक स्थिति है.
नई दिल्ली: भारत ने कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से जंग में मानवता को बचाने के लिए वैश्विक अगुवाई की है. दुनिया के कई हिस्सों में जारी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान ते बावजूद लोगों की लापरवाही पूरी दुनिया को भारी पड़ रही है. भारत समेत कई देशों में कोरोना महामारी की दूसरी लहर यानी सेकेंड वेव चल रही है. संक्रमण की बेकाबू रफ्तार से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को देश में बिगड़ते हालातों के बीच एक बड़ी चेतावनी जारी की है.
अगले तीस दिन बेहद क्रिटिकल
केंद्र सरकार में तैनात स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खतरा जताते हुए देश वासियों से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगले चार हफ्ते हमारे लिए बहुत क्रिटिकल हैं. देश के कई हिस्सों में खतरनाक स्थिति है. कोरोना डेथ रेट की बात करें तो ये अब पांच फीसदी हो गई है जबकि कुछ दिनों पहले सिर्फ 2 फीसदी थी.
महाराष्ट्र में सबसे बुरा हाल
महाराष्ट्र में फरवरी में औसतन रोजाना 2 हजार केस आते थे अब 44 हजार से ज्यादा केस आ रहे है. अकेले महाराष्ट्र में पूरे देश के 58 फीसदी कोरोना मरीज हैं. देशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के महाअभियान यानी कोरोना वैक्सीनेशन के काम में फिलहाल महाराष्ट्र नंबर 1 पर है जहां 80 लाख से ज्यादा लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं. वहीं दूसरे नंबर पर गुजरात है.
सभी को टीका लगवाने के सवाल का विस्तृत जवाब
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी को टीका देने की मांग पर जवाब दिया गया है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, पूरी दुनिया में इस विषय पर गहरा मंथन और चर्चा हो चुकी है. तो जब भी टीकाकरण होता है तो उसका उद्देश्य मौत से लोगों को बचाना होता है. दूसरा हेल्थकेयर सिस्टम को दुरुस्त करना होता है.
भारत,अमेरिका, यूके सभी देशों में इन्हीं दो उद्देश्यों की पूर्ती के साथ टीकाकरण अभियान चल रहा है. यूके में आज भी हर उम्र के लिए लोगों को वैक्सीन लगाने की इजाजत नहीं दी गई है. वहीं अमेरिका में भी उम्र और जरूरत के हिसाब एज वाइज टीका दिया गया है. फ्रांस में भी कहा गया कि 50 साल से ऊपर के लोग जो रिस्क में है उन्हें टीका दिया जाएगा.’
मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया कि स्वीडन में 65 साल और आस्ट्रेलिया में 70 साल से ऊपर के लोगों को टीका लग रहा है. वहीं कुछ दूसरी कैटिगरी भी हैं जिनके तहत दुनिया में टीकाकरण जारी है. ऐसे में देश का टीकाकरण अभियान भी योजनाबद्ध तरीके से ही चलाया जा रहा है.