यूपी के संस्कृत स्कूलों में अब NCERT की किताबें पढ़ाई जाएंगी. कम्प्यूटर और अंग्रेजी का ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे छात्र
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) राज्य में संस्कृत भाषा (Sanskrit) को बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयासरत है. संस्कृत स्कूलों (Sanskrit schools) के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने और सभी सहूलियतें देने के लिए सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं. सरकार के निर्देश पर संस्कृत बोर्ड कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्रों को एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से पढ़ाएगा. इसके साथ संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों को अंग्रेजी के साथ कम्प्यूटर (Computer) की शिक्षा भी दी जाएगी.
कक्षा 6 से 8 तक NCERT पाठ्यक्रम होगा लागू
प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2021-22 से संस्कृत विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक में भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा. वर्तमान में कक्षा 9 से 12 तक में NCERT का सिलेबस लागू है. इस सत्र 2021-22 से कक्षा 6 से 8 तक के छात्र भी एनसीईआरटी की किताब पढ़ेंगे.
Computer और अंग्रेजी की पढ़ाई, संस्कृत जरूरी
छात्रों के कोर्स में संस्कृत अनिवार्य विषय (Sanskrit compulsory subject) के रूप में शामिल होगा. इससे संस्कृत विद्यालयों के छात्र संस्कृत के ज्ञान के साथ कम्प्यूटर और अंग्रेजी का ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे.
संस्कृत भाषा को बढ़ाने के लिए तेजी से अग्रसर योगी सरकार
मौजूदा समय में प्रदेश के अंदर 1164 संस्कृत विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. इसमें 97,500 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. संस्कृत भाषा के साथ छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. गौरतलब हो कि प्रदेश सरकार ने 200 से अधिक गुरुकुल पद्धति के संस्कृत विद्यालयों के 4 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को निशुल्क भोजन और हॉस्टल की सुविधा देने की भी घोषणा की है.