कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि उसके लगने के बाद संक्रमण (Covid-19 Infection) कभी होगा ही नहीं. वास्तव में कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत कारगर (Effective) नहीं होती है.
कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) वापस आ गया है. इस बार यह संक्रमण बहुत ही तेजी से फैल रहा है. इस बीच वैक्सीन (Vacnnation) का कार्यक्रम भी अपनी गति से जारी है, उसे लेकर भी लोगों में बहुत ही जल्दी आशंकाएं घर कर जाती है. पिछले महीने ही पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान (Imran Khan) को चीनी कंपनी की वैक्सीन लगी और उसके दो दिन बाद ही वे कोरोना संक्रमित पाए गए. इसको लेकर वैक्सीन विरोधियों अपनी आशंकाओं को सही बताया तो वहीं चीन (China) का विरोध करने वालों ने भी चीनी वैक्सीन को गलत ठहराया. लेकिन विशेषज्ञ दोनों से ही इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है कि कुछ लोगो को वैक्सीन लगने के बाद कोरोना -19 संक्रमण हो सकता है जो समान्य बात है.
कितनी असामान्य बात है ये
सवाल यह है कि आखिर किसी व्यक्ति का कोविड वैक्सीन लगने के बाद कोरोना संक्रमण होना असमान्य क्यों नहीं है. टाइम ऑफ इंडिया के मुताबिक इसका जवाब वैक्सीन के कार्यप्रणाली में छिपा है. दरअसल वैक्सीन एक ट्रैनर होती है, प्रशिक्षक होती है जिसे हमारे इम्यून सिस्टम को यह सिखाने में हफ्तों का समय लग जाता है कि वायरस से लड़ना कैसे है.
वैक्सीन से पहले ही संक्रमण?
जहां तक इमरानखान की बात है तो उन्हें वैक्सीन लगे केवल दो ही दिन हुए थे. वहीं सच्चाई यह है कि इमरान खान को संक्रमण तो वैक्सीन लगने से कई दिन पहले संक्रमण हो गया होगा. इसलिए यह कहना का वैक्सीन विफल हो गई, सही नहीं होगा. लेकिन क्या ऐसे और मामले हैं जब वैक्सीन लगने के कुछ दिन बाद व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ यानि क्या यह संभव है कि वैक्सीन लगने के कुछ दिन बाद व्यक्ति को कोविड संक्रमण हो सकता है?
कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) वापस आ गया है. इस बार यह संक्रमण बहुत ही तेजी से फैल रहा है. इस बीच वैक्सीन (Vacnnation) का कार्यक्रम भी अपनी गति से जारी है, उसे लेकर भी लोगों में बहुत ही जल्दी आशंकाएं घर कर जाती है. पिछले महीने ही पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान (Imran Khan) को चीनी कंपनी की वैक्सीन लगी और उसके दो दिन बाद ही वे कोरोना संक्रमित पाए गए. इसको लेकर वैक्सीन विरोधियों अपनी आशंकाओं को सही बताया तो वहीं चीन (China) का विरोध करने वालों ने भी चीनी वैक्सीन को गलत ठहराया. लेकिन विशेषज्ञ दोनों से ही इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है कि कुछ लोगो को वैक्सीन लगने के बाद कोरोना -19 संक्रमण हो सकता है जो समान्य बात है.
कितनी असामान्य बात है ये
सवाल यह है कि आखिर किसी व्यक्ति का कोविड वैक्सीन लगने के बाद कोरोना संक्रमण होना असमान्य क्यों नहीं है. टाइम ऑफ इंडिया के मुताबिक इसका जवाब वैक्सीन के कार्यप्रणाली में छिपा है. दरअसल वैक्सीन एक ट्रैनर होती है, प्रशिक्षक होती है जिसे हमारे इम्यून सिस्टम को यह सिखाने में हफ्तों का समय लग जाता है कि वायरस से लड़ना कैसे है.
वैक्सीन से पहले ही संक्रमण?
जहां तक इमरानखान की बात है तो उन्हें वैक्सीन लगे केवल दो ही दिन हुए थे. वहीं सच्चाई यह है कि इमरान खान को संक्रमण तो वैक्सीन लगने से कई दिन पहले संक्रमण हो गया होगा. इसलिए यह कहना का वैक्सीन विफल हो गई, सही नहीं होगा. लेकिन क्या ऐसे और मामले हैं जब वैक्सीन लगने के कुछ दिन बाद व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ यानि क्या यह संभव है कि वैक्सीन लगने के कुछ दिन बाद व्यक्ति को कोविड संक्रमण हो सकता है?
उठने लगे हैं सवाल, लेकिन
यह बात हैरान कर सकती है कि कुछ लोगों को जिन्हें वैक्सीन सही तरीके से लगी है. कोरोना संक्रमण हो सकता है. अब जबकि लाखों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है तो ऐसे मामले सामने आ भी रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसे वैक्सीन की विफलता क्यों नहीं माना जाना चाहिए
कब तक का संक्रमण विशेष
वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण होने को ब्रेकथ्रू केस या निर्णायक मामला कहते हैं. किसी मामले को निर्णायक मामला तभी माना जाएगा जब संक्रमण पूरी तरह से वैक्सीन लगने के दो हफ्तों के बाद हुआ हो. यानि भारत में जदब व्यक्ति तो कोविशील्ड या कोवैक्सिन का दूसरे डोज लगने के 14 दिन बाद संक्रमण हुआ हो.
वैक्सीन लगने के बाद का समय
इस इजराइली शोध में पाया गया है कि वैक्सीन का पहला डोज लगने के पहले 12 दिन तक उसमें संक्रमण की उतनी ही संभावना होती है जितनी उसे जिसे वैक्सीन नहीं लगी है. जॉन हॉपकिंन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के अमीश एडाल्जा प्रवेंशन मैग्जीन को बताते हैं कि यह समय सीमा बहुत जरूरी है क्यों आपके शरीर के पास सार्सकोव-2 के खिलाफ एंटी बॉडी विकसित करने के पर्याप्त समय होना चाहिए.
वैक्सीन की संपूर्ण कारगरता
दरअसल कोई वैक्सीन 100 प्रतिशतक कारगर नहीं होती है. इसका एक मतलब यह भी होता है कि कोई भी वैक्सीन वायरस के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रतिरोधी क्षमता विकसित नहीं कर सकती है. चेचक की वैक्सीन अब तक की सबसे प्रभावी वैक्सीन मानी जाती है, लेकिन ऐसे कारगरता बहुत कम मिलती है.
अभी तक दुनिया में जितनी भी कोरोना वैक्सीन उपयोग में लाई जा रही हैं उनमें से कोई भी 100 प्रतिशत कारगर नहीं बताई जा रही है. सभी वैक्सीन 85 से 95 के बीच कारगर हैं और ज्यादातर 90 प्रतिशत से ऊपर कारगर बताई जा रही हैं. वैसे भी वैक्सीन के जरिए हम कोविड-19 का उन्मूलन नहीं करना चाह रहे हैं बकि हम बीमारी की गंभीरता और मौतों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं.