वित्त वर्ष 2020-21 (FY21) के खत्म होने से पहले आखिरी 2 दिन में ऑनलाइन प्रोसेस के जरिये टैक्स सेविंग प्लान (Tax Saving Plans) में निवेश कर अपनी कर देनदारियों (Tax Liability) को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि निवेश के अलावा किन उपायों के जरिये इनकम टैक्स छूट (Income Tax Deductions) का लाभ लिया जा सकता है?
नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2020-21 खत्म होने में अब सिर्फ 2 दिन बचे हैं. ऐसे में जिन टैक्सपेयर्स ने टैक्स सेविंग प्लांस में अब तक निवेश नहीं है, उन्हें छुट्टियों की वजह से परेशान होने की जरूरत नहीं है. वे ऑनलाइन प्रोसेस पूरी कर टैक्स सेविंग प्लांस में निवेश कर अपनी कर देनदारियों को घटा सकते हैं. इसके अलावा निवेश व टैक्स से जुड़ी कुछ अहम बातों पर बचे हुए हुए दिन खत्म होने से पहले विचार कर लेना जरूरी है. इसके बाद टैक्स सेविंग प्लानिंग पूरी कर लेनी चाहिए. आइए जानते हैं कि निवेश के साथ ही किन उपायों के जरिये कर देनदारियों को कम किया जा सकता है.
करदाताओं को सबसे पहले ये चेक करना चाहिए कि उन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 या आकलन वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर दिया है या नहीं. अगर अब तक आपने ऐसा नहीं है तो 31 मार्च 2021 से पहले ही आकलन वर्ष 2020-21 का आईटीआर फाइल कर दें. हालांकि, अब आपको इसके लिए बिलंब शुल्क या जुर्माने के तौर पर 10 हजार रुपये भरने होंगे. इसके अलावा अगर आपने चालू वित्त वर्ष के दौरान नौकरी बदली है तो देखें कि नई कंपनी में फॉर्म-12बी जमा कर दिया है या नहीं. इस फॉर्म में पुरानी कंपनी की ओर से हुई इनकम और टैक्स डिडक्शन का पूरा ब्योरा होता है. नई कंपनी इसी ब्योरे के आधार पर फॉर्म-16 जारी करती है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी.
वित्त वर्ष खत्म होने से पहले पीपीएफ-एनपीएस में जमा करें तय सालाना रकम
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और नेशनल पेंशन सिस्टम में हर वित्त वर्ष में तय राशि निवेश करना जरूरी होता है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो पीपीएफ और एनपीएस अकाउंट फ्रीज हो जाते हैं. इसके बाद इन्हें दोबारा चालू कराने में बहुत समय लगता है. कई बार इसके लिए आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है. इससे बचने के लिए बाकी बचे दो दिन के भीतर न्यूनतम राशि निवेश कर दें. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40 हजार रुपये या वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 हजार रुपये से अधिक ब्याज आय होने पर टीडीएस कटता है. इस कटौती से बचने के लिए बैंक के पास फॉर्म-15जी/फॉर्म 15एच जमा किया जाता है. लिहाजा, 31 मार्च से पहले ये फॉर्म बैंकर के पास जमा कर दें.
कंपनी जमा नहीं कर रही निवेश दस्तावेज तो आईटीआर भरते समय लगाएं
टैक्सपेयर ने अगर सभी टैक्स बचत निवेश कर लिए हैं तो अपने नियोक्ता (Employer) के पास उसके दस्तावेज जमा कर दें. हालांकि, ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों से जनवरी या फरवरी में ही ऐसे सभी दस्तावेज जमा करा लेती हैं. अगर आपकी कंपनी ने भी निवेश दस्तावेज जमा करा लिए हैं और अब जमा करने से इनकार कर रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप अगले वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल (ITR Filing) करते समय भी इन डॉक्यूमेंट्स के जरिये अपनी टैक्स लायबिलिटी घटाकर टैक्स रिफंड के लिए क्लेम (Tax Refund Claim) कर सकते हैं.