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‘वर्क फ्रॉम होम’ के दौरान वेबकैम से कर्मचारियों की गुपचुप निगरानी कर रही थी कंपनी, ऐसे आया मामला पकड़ में

सार
कॉल सेंटर कंपनी का नाम टेलीपरफॉर्मेंस है। 34 देशों में उसके 3.80 लाख से भी अधिक कर्मचारी हैँ। ब्रिटेन की दर्जनों बड़ी निजी कंपनियों और सरकारी विभागों ये कंपनी अपनी सेवाएं देती है…

विस्तार
अब कंपनियां घर से काम कर रहे (वर्क फ्रॉम होम) अपने कर्मचारियों की घर पर ही निगरानी करने लगी हैं। ऐसे एक मामले का खुलासा यहां के अखबार ‘द गार्जियन’ ने किया है। उसके मुताबिक एक कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों के घरों पर वेबकैम से निगरानी की गई कि वे कब या क्या खा रहे हैं, कब फोन देख रहे हैं, या कब डेस्क से हट कर जा रहे हैं। इस कॉल सेंटर कंपनी का नाम टेलीपरफॉर्मेंस है। 34 देशों में उसके 3.80 लाख से भी अधिक कर्मचारी हैँ। ब्रिटेन की दर्जनों बड़ी निजी कंपनियों और सरकारी विभागों ये कंपनी अपनी सेवाएं देती है। कोरोना महामारी के दौरान जब वर्क फ्रॉम होम शुरू हुआ, तो उसने अपने कुछ ही कर्मचारियों को यह बताया था कि उनके घरों पर इस बात की निगरानी की जाएगी कि कहीं वे अपनी कार्य-शर्तों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं।

उन कर्मचारियों को दिए पत्र में बताया गया था कि ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम से जुड़े होंगे, जो शिफ्ट के दौरान कार्य नियमों का उल्लंघन होने पर कर्मचारी का फोटो खींच लेंगे। ये फोटो मैनेजर के पास भेज दिए जाएंगे, जहां वे 20 दिन तक स्टोर रहेंगे। कंपनी के नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी चाय या कोई पेय पीना चाहता है या किसी और वजह से डेस्क से हटना चाहता है, तो उसे एक एप पर ब्रेक मोड दबाना होगा। अगर उसने ऐसा किया है, तो फिर इसे कंपनी के नियम का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। शिफ्ट के दौरान खाना खाने की इजाजत नहीं है। वर्क फ्रॉम होम के दौरान लागू किए गए नियमों में यह भी शामिल था कि अगर एक निश्चित समय तक की-बोर्ड और माउस का इस्तेमाल नहीं हुआ, तो इसकी रिपोर्ट अपने-आप सुपरवाइजर को हो जाएगी।
अब इस बारे में कर्मचारियों को दिया गया दस्तावेज अब सामने आया है। इससे ट्रेड यूनियनों के कान खड़े हुए हैं। उन्होंने और कुछ ब्रिटिश सांसदों ने उसकी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कर्मचारियों के घर पर लगातार निगरानी रखने की शुरुआत है। अखबार गार्जियन के मुताबिक जब उसने इस बारे में कंपनी से संपर्क किया, तो उसने कहा कि ब्रिटेन में स्थित कंपनियों के घर पर वेबकैम नहीं लगाए गए हैँ। यहां सिर्फ मीटिंग और ट्रेनिंग के दौरान ऐसे कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह देखने के लिए कि डेस्क पर कहीं ऐसे उपकरण तो नहीं रखे गए हैं, जिन्हें डाटा सुरक्षा के नजरिए से वहां नहीं होना चाहिए, सुपरवाइजरों ने कर्मचारियों को वीडियो कॉल करके इसकी जांच की है।  

टेलीपरफॉर्मेंस फ्रांस की कंपनी है। दुनिया में फोन सेवाओं से संबंधी आउटसोर्स सर्विस देने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में एक है। यह कस्टमर सहायता, टेलीमार्केटिंग और टेक्निकल सपोर्ट जैसी सेवाएं देती है। ब्रिटेन में जो बड़ी कंपनियां इसकी सेवाएं लेती हैं, उनमें वोडाफोन, ई-बे, अवीवा, फॉक्सवैगन और द गार्जियन शामिल हैं। ब्रिटेन की नौसेना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) भी इसकी सर्विस लेती है।

गार्जियन की रिपोर्ट में बताया गया है कि टेलीपरफॉर्मेंस कंपनी संभवतया ब्रिटेन के अलावा अन्य देशों में वेबकैम के जरिए अपने कर्मचारियों के घर पर संपूर्ण निगरानी रख रही है। समझा जाता है कि इसने कर्मचारियों को दिए सिस्टम में फेशियल रिकॉग्निशन (चेहरे से पहचान) सिस्टम भी लगाया है, ताकि यह देख सके कि कहीं कर्मचारी की जगह कोई और डेस्क पर बैठ कर काम तो नहीं कर रहा है।

खुद कंपनी के दस्तावेज में कहा गया है कि ये संभव नहीं है कि उसके कैमरे की जद में कर्मचारी के घर के दूसरे व्यक्ति ना आएं। लेकिन अगर वे सदस्य देखे जाते हैं, तो इस आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन उन व्यक्तियों की निजता के हनन के सवाल पर कंपनी चुप है।

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