रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूनिवर्सल और स्मॉल फाइनेंस बैंक के लाइसेंस के लिए वित्तीय संस्थानों और कंपनियों के आवेदन का मूल्यांकन (evaluate) करने के लिए एक पैनल यानी स्थायी सलाहकार समिति (Standing External Advisory Committee- SEAC) का गठन किया है.
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूनिवर्सल और स्मॉल फाइनेंस बैंक के लाइसेंस के लिए वित्तीय संस्थानों और कंपनियों के आवेदन का मूल्यांकन (evaluate) करने के लिए एक पैनल यानी स्थायी सलाहकार समिति (Standing External Advisory Committee- SEAC) का गठन किया है. RBI ने सोमवार को इसका गठन किया है. यह समिति रेगुलर बेसिस पर आवेदन करने वाली योग्य कंपनियों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को बैंकिंग का लाइसेंस (on-tap licensing) प्रदान करेगी.
आपको बता दें आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए रिजर्व बैंक ने जिस स्थायी सलाहाकार समिति का गठन किया है. उसका चेयरमैन श्यामला गोपीनाथ ( Shyamala Gopinath) को बनाया गया है. बता दें श्यामला गोपीनाथ ( Shyamala Gopinath) आरबीआई की पूर्व डिप्टी गवर्नर हैं.
मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर श्यामला गोपीनाथ के साथ इस पैनल में RBI सेंट्रल बोर्ड के डायरेक्टर रेवती अय्यर (Revathy Iyer), नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के चेयरमैन बी महापात्रा (B. Mahapatra), केनरा बैंक के पूर्व चेयरमैन टीएन मनोहरन (T.N. Manoharan) को शामिल किया गया है.
कौन होगा सदस्य?
SBI के पूर्व MD और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के पूर्व चैयरमैन हेमंत कॉन्ट्रैक्टर (Hemant G. Contractor) भी इस पैनल के सदस्य होंगे.
क्या होगा पैनल का काम?
यह पैनल इस बात की जांच करेगी कि आवेदन करने वाली संस्था या कंपनी यूनिवर्सल बैंक या स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य है या नहीं. इस स्थायी सलाहकार समिति (SEAC) का कार्यकाल 3 साल का होगा.