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Income Tax: इन पांच पॉपुलर स्कीम्स में निवेश से ले सकते हैं टैक्स छूट का फायदा, सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन

आइए ऐसे पांच पॉपुलर तरीकों को जानते हैं, जिनमें सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है.

मार्च का महीना चल रहा है जो भारतीय वित्त वर्ष का अंतिम महीना है. इसमें ज्यादातर टैक्सपेयर्स टैक्स बेनेफिट्स के लिए कई विकल्पों में निवेश करते हैं. इनकम टैक्स का सेक्शन 80C व्यक्ति को टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपये तक की छूट का फायदा देता है. इसके तहत कई तरीके हैं, जिनसे टैक्स छूट ली जा सकती है. आइए ऐसे पांच पॉपुलर तरीकों को जानते हैं, जिनमें सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF में निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें टैक्स छूट का पूरा लाभ मिलता है. निवेशकों के लिए इसमें जोखिम न के बराबर होता है. चूंकि, PPF में निवेश को पूरी तरह सरकार का संरक्षण है, इसलिए यह पूरी तरह जोखिम मुक्त है. वर्तमान में पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है, जो सालाना तौर पर चक्रवृद्धि है. इसकी तुलना बहुत से बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट से की जाए, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (FD), पीपीएफ अपने सब्सक्राइबर्स को ज्यादा ब्याज देती है. सब्सक्राइबर्स के लिए 15 साल की अवधि है जिसके बाद टैक्स छूट के तहत आने वाली राशि को विद्ड्रॉ कर सकते हैं. लेकिन सब्सक्राइबर्स इसे 5 साल और बढ़ाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसमें स्कीम में निवेश की गई राशि पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. PPF में कमाई गई ब्याज और मेच्योरिटी की राशि दोनों पर टैक्स छूट मिलती है.

ELSS फंड

यह न सिर्फ निवेशकों की टैक्स लायबिलिटी को कम करती है, बल्कि लांग टर्म में उनकी सेविंग्स को भी बढ़ाती है. नाम के अनुरूप ही ELSS निवेश राशि को इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाता है. ELSS में 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है. हालांकि यह लॉक इन पीरियड समाप्त होने के बाद निवेशक इसे जारी रख सकता है अगर उस समय मार्केट में बहुत गिरावट है और रिटर्न कम मिल रहा हो. फाइनेंसियल प्लानर्स के मुताबिक जब बाजार में मजबूती आए और नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) बढ़े तो निवेशक एग्जिट के लिए सोच सकता है. यहां यह ध्यान रहे कि अधिक रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग्स के रूप में निवेशकों को बड़ा फायदा मिलता है अगर वह लंबे समय के लिए निवेश करते हैं.

इंश्योरेंस प्लान्स

व्यक्ति ट्रेडिशनल इंश्योरेंस प्लान में निवेश को चुन सकता है, जिसमें एंडाउमेंट बेनेफिट्स मिलते हैं. या यूनिट लिंक्ड प्लान में निवेश कर सकते हैं, जो बाजार से लिंक रिटर्न देते हैं.

टैक्स सेविंग FD

बैंकों द्वारा ऑफर की जाने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट, जिनका मैच्योरिटी पीरियड पांच साल का होता है और इनमें टैक्स की बचत होती है. दूसरी कम मैच्योरिटी वाली जमा के मुकाबले इनमें आम तौर पर कम ब्याज दर होती है.

सुकन्या समृद्धि योजना

स्कीम के तहत, एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुलेगा. SSY अकाउंट को न्यूनतम 250 रुपये से शुरू कर सकते हैं. इसमें एक वित्त वर्ष में न्यूनतम जमा 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तय की गई है. सुकन्या समृद्धि स्कीम में अधिकतम 15 साल तक निवेश किया जा सकता है. SSY में जमा की जाने वाली रकम पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसके अलावा जमा रकम पर आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है. इस तरह SSY ‘EEE’ कैटेगरी की टैक्स सेविंग स्कीम है.

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