जब घर की महिलाएं अचानक से बीमार होने लगें तो आपको इलाज के साथ ही घर के वास्तुदोष पर भी नजर दौड़ानी चाहिए. हो सकता है कि घर में मौजूद किसी वास्तुदोष के कारण ही वे बार-बार बीमार पड़ रही हों.
नई दिल्ली: किसी भी घर की खुशियां को बढ़ाने या फिर कहें, उन्हें कायम रखने में महिलाओं की अहम भूमिका होती है. छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जरूरतों का ख्याल रखने वाली महिला सदस्य यदि बीमार हो जाए तो जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. किसी भी घर की महिला सदस्य का स्वास्थ्य पूरे घर के सदस्यों को प्रभावित करता है. यदि घर की महिला सदस्य की तबीयत बार-बार खराब होती है या फिर इलाज के बाद भी खास आराम नहीं मिल रहा है तो आपको नीचे दिए गए वास्तुदोष की पहचान करके उसे तुरंत दूर करना चाहिए.
महिलाओं की तबीयत से जुड़े वास्तुदोष
अगर किसी घर में वह महिला बार-बार बीमार पड़ रही है, जिसके कंधों पर घर की सारी जिम्मेदारी हो तो इसकी एक वजह घर में मौजूद वास्तुदोष भी हो सकता है. अगर आपके घर में या आपके किसी जानने वाले के घर में ऐसा कुछ हो रहा है तो निम्न तरीकों से वास्तुदोष की पहचान कर उसे दूर करें.
1. यदि आपके घर की ईशान यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट या फिर सीढ़ियां बनी हुई हैं तो आपके घर की मुख्य महिला ही नहीं, बल्कि अन्य सदस्यों को भी मानसिक तनाव या मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. यदि घर का ईशान कोणा ऊंचा हो और बाकी सभी दिशाएं उससे नीची हों तो घर की महिला सदस्य को गंभीर बीमारी होने की आशंका बनी रहती है. ईशान कोण में बना शौचालय बहुत बड़ा वास्तुदोष माना जाता है। देवस्थान पर बना टायलेट घर की महिलाओं को न सिर्फ बीमार बनाता है बल्कि संतान सुख से भी वंचित कर देता है।
2. घर की उत्तर एवं उत्तर-पूर्व दिशा का बंद होना और दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा का खुला होना भी एक गंभीर वास्तुदोष माना जाता है. ऐसा होने पर घर के भीतर बीमारी और खर्च, दोनों ही अत्यधिक बढ़ जाते हैं.
3. यदि आपके घर की दक्षिण दिशा में वास्तु दोष है तो इससे महिलाओं को थकान और स्ट्रेस की समस्या पैदा हो सकती है.
4. किसी भी घर के दक्षिण नैऋत्य भाग में मार्ग प्रहार को शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा वास्तु दोष घर की महिलाओं में अवसाद पैदा करता है. कई बार ऐसी महिलाएं आत्महत्या तक कर लेती हैं. दक्षिण नैऋत्य भाग के बढ़े होने पर महिलाओं को बड़ी और पीड़ादायक बीमारी की आशंका बनी रहती है.
5. घर की महिला सदस्य बार-बार यदि बीमार हो रही है तो एक बार घर के किचन के वास्तुदोष पर जरूर नजर दौड़ाएं. चूल्हा, अनाज, पानी आदि की दिशा पर फोकस करें. दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय दिशा को चूल्हे के लिए शुभ बताया गया है.
6. किचन के चूल्हे पर खाना बनाते समय घर की महिला का मुंह भूलकर भी दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए. ऐसी सूरत में अक्सर उसे कमर दर्द, पीठ दर्द, सर्वाइकल, जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
7. कभी भूलकर भी घर की दक्षिण दिशा में भूमिगत जलस्रोत जैसे कि बोरिंग आदि न कराएं. ऐसा वास्तुदोष घर की महिलाओं की सेहत पर अत्यधिक बुरा प्रभाव डालता है.
8. जिस मकान के आगे का हिस्सा टूटा-फूटा हो और मरम्मत मांग रहा हो, तो निश्चित जान लीजिए कि ऐसे घर की गृहणी की तबीयत हमेशा खराब रहती होगी. वास्तुदोष के चलते उसे हमेशा मानसिक तनाव बना रहेगा.