आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 माह में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या में 62.49 लाख की बढ़ोतरी हुई है.
नई दिल्ली. एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन या ईपीएफओ (Employees’ Provident Fund Organisation) के पास नए नामांकन जनवरी में पिछले साल के समान महीने की तुलना में शुद्ध रूप से 27.79 फीसदी बढ़कर 13.36 लाख पर पहुंच गए.
श्रम मंत्रालय ने शनिवार को बयान में कहा, ”ईपीएफओ के 20 मार्च, 2021 को प्रकाशित अस्थायी पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, अंशधारकों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। जनवरी में ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या शुद्ध रूप से 13.36 लाख बढ़ी है.”
EPFO में नए रजिस्ट्रेशन जनवरी में 27.79 फीसदी बढ़ा
दिसंबर, 2020 की तुलना में जनवरी, 2021 में अंशधारकों की संख्या में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मंत्रालय ने कहा कि वार्षिक आधार पर तुलना की जाए, तो जनवरी, 2021 में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 27.79 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस तरह ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या में वृद्धि का आंकड़ा कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है.
आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 माह में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या में 62.49 लाख की बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2019-20 में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या में शुद्ध रूप से 78.58 लाख की बढ़ोतरी हुई थी. जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 61.12 लाख बढ़ी थी.
दिसंबर, 2020 के नए अंशधारकों के आंकड़ों को संशोधित कर 10.81 लाख कर दिया गया है. अस्थायी आंकड़ों में दिसंबर, 2020 में अंशधारकों की संख्या में 12.53 लाख की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था. गौरतलब है कि ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से पेरोल आंकड़े जारी कर रहा है. इसमें सितंबर, 2017 की अवधि से आंकड़ों को लिया गया है.