अमेरिकी संसद के निचले सदन ने बिल पारित करके उसे सीनेट में भेज दिया है, जहां से पारित होने के बाद यह कानून बन जाएगा. इसके बाद ऐसे लोगों के लिए भी नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा, जिन्हें कानूनी निगरानी में रहना होता है और उन पर हमेशा अपने देश वापस भेजे जाने की तलवार लटकती रहती है.
वॉशिंगटन: अमेरिकी संसद (American Parliament) में एक ऐसा विधेयक (Bill) पारित हुआ है, जिससे सीधे तौर पर अमेरिका में रहने वाले पांच लाख से अधिक भारतीयों (Indians) को फायदा होगा. संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में ‘अमेरिकन ड्रीम एंड प्रॉमिस एक्ट’ नामक बिल पारित हुआ है, इसके अमल में आने के बाद बचपन से अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे प्रवासी लोगों के लिए नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा. भारतीयों की बात करें, तो 5 लाख से अधिक भारतीय इससे लाभान्वित होंगे.
Support में मिले इतने वोट
‘हिंदुस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी संसद के निचले सदन ने अमेरिकन ड्रीम एंड प्रॉमिस एक्ट (American Dream and Promise Act) को 228-197 मतों के अंतर से पारित करके इसे सीनेट में भेज दिया है, जहां से पारित होने के बाद यह कानून बन जाएगा. इस बिल से ऐसे लोगों के लिए भी नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा, जिन्हें कानूनी निगरानी में रहना होता है और उन पर हमेशा अपने देश वापस भेजे जाने की तलवार लटकती रहती है.
Joe Biden ने किया समर्थन
माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से 5 लाख से अधिक भारतीयों सहित लगभग एक करोड़ 10 लाख ऐसे अप्रवासियों को अमेरिका की नागरिकता मिल जाएगी, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बिल का समर्थन करते हुए कहा है कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस इस बिल को पारित कर दे, जिससे करीब 1.1 करोड़ प्रवासियों को देश की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. इसे अमेरिका के आव्रजन सुधार की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा है.
President ने की प्रतिनिधि सभा की तारीफ
राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा कि मैं इस विधेयक का समर्थन करता हूं और इस महत्वपूर्ण कानून को पारित करने के लिए प्रतिनिधि सभा की सराहना करता हूं. उन्होंने कहा कि यह अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) धारकों, यहां रहने के इच्छा रखने वालों और बचपन में ही अमेरिका आए युवाओं को राहत प्रदान करेगा. पिछले साल नवंबर में बाइडेन कैंपेन द्वारा जारी किए गए एक नीति दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका में लगभग 11 मिलियन अप्रवासी हैं, जिनमें भारत से 500,000 से अधिक शामिल हैं.
सीनेटरों ने लगाई गुहार
वहीं, पांच डेमोक्रेट सीनेटरों ने राष्ट्रपति से डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुछ गैर-आव्रजक वीजा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. इनमें एच-1बी वीजा भी शामिल है, जो भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच काफी लोकप्रिय है. अमेरिकी सीनेटरों का कहना है कि इस प्रतिबंध की वजह से अमेरिकी नियोक्ताओं, उनके विदेश में जन्मे पेशेवर कर्मचारियों और उनके परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि जून, 2020 में ट्रंप ने घोषणा-10052 के जरिए एच-1बी, एल-1, एच-2बी और जे-1 वीजा की प्रक्रिया रोक दी थी.