बच्चे के पिता ने इस विज्ञापन को भारतीय संस्कृति और नैतिकता (Morality) के विरुद्ध बताया है. न्यायालय में वाद को मंजूर करते हुए कंपनी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है, जिसकी सुनवाई आगामी 4 तारीख रखी गई है.
Ajmer: नामी कंपनी फाइव स्टार चॉकलेट (Five Star Choclate) का विज्ञापन (Advertisement) देखकर बच्चे ने अपने माता-पिता की बात को अनसुनी कर दी. इससे नाराज वकील पिता ने उपभोक्ता विवाद आयोग (Consumer Disputes Commission) में याचिका दायर कर विज्ञापन बंद करने की मांग करने के साथ ही ₹ 5,00,000 के हर्जाने की मांग की है.
बच्चे के पिता ने इस विज्ञापन को भारतीय संस्कृति और नैतिकता (Morality) के विरुद्ध बताया है. न्यायालय में वाद को मंजूर करते हुए कंपनी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है, जिसकी सुनवाई आगामी 4 तारीख रखी गई है.
अजमेर रामनगर निवासी एडवोकेट अमित गांधी (Amit Gandhi) ने जिला आयोग के समक्ष परिवाद पेश करते हुए बताया कि वह अपने घर पर थे. जब उनके बेटे प्रक्षाल को उन्होंने कुछ काम बताया लेकिन उसने फाइव स्टार चॉकलेट कंपनी के ऐड को देखते हुए बात को अनसुनी कर दिया, जिसके बाद 11 साल के बेटे के इस व्यवहार पर उन्होंने गुस्सा जाहिर किया और उसे डांट लगाई. जब इस प्रतिक्रिया को लेकर उन्होंने बेटे से जानकारी चाही तो उसने बताया कि वह टीवी और सोशल मीडिया पर ऐड देखता है, जहां पर पांच स्टार खाते हुए एक युवक बुजुर्ग महिला की मदद नहीं करता है लेकिन फिर भी उसकी जान बच जाती है.
क्या कहना है अधिवक्ता पिता अमित गांधी का
इस भ्रामक विज्ञापन को लेकर उन्होंने उपभोक्ता विवाद न्यायालय में वाद दायर कर दिया. इस मामले में अधिवक्ता पिता अमित गांधी का कहना है कि इस तरह के विज्ञापन भारतीय संस्कृति (Advertisement Indian Culture) और नैतिकता के खिलाफ है. देश की युवा पीढ़ी को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि भारत की युवा पीढ़ी हमेशा मदद के लिए खड़ी रहती है और बच्चों को ऐसे सीख देने से उन पर गलत असर पड़ेगा. ऐसे में इस तरह की भ्रामक विज्ञापन पर जल्द रोक लगनी चाहिए साथ ही इस मामले में कंपनी के विरुद्ध ₹500000 का जुर्माना भी लगाने की बात कही गई है. यह जुर्माना राशि उपभोक्ता संरक्षण आयोग में ही जमा करवाई जाएगी. इस मामले को लेकर न्यायालय द्वारा कंपनी के विरुद्ध नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है.
Reporter- Ashok singh bhati