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नई नौकरी ज्वाइन कर रहे हैं तो अपने पीएफ अकाउंट को कर लें अपडेट, मिलता रहेगा यह फायदा

यूएएन (UAN) नंबर नौकरी बदलने पर भी नहीं स्थाई रहता है. इस नंबर से अपने पुराने अकांउट को लिंक कराने के बाद सारे अकाउंट एक ही जगह आ जाते हैं. इससे आपको ब्याज का नुकसान नहीं होता है.

नई दिल्ली. अक्सर निजी कर्मचारियों की नौकरियां बदलती रहती हैं. ऐसे में उनका कर्मचारी भविष्य निधि (इम्‍प्‍लॉई प्रोविडेंट फंड, EPF) अकाउंट भी बदल जाता है. नई जगह नए EPF अकाउंट में पैसा जमा होने लगता है. लेकिन पुराना अकाउंट अपडेट न होने से इसमें ब्याज बंद हो जाता है.
हालांकि पुरानी नौकरी से जुड़े ईपीएफ अकाउंट पर अगले 3 साल तक ब्याज आता रहेगा. इसमें आगे भी ब्याज मिले, इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में नए और पुराने अकाउंट को लिंक कराना होता है. वैसे, आजकल ईपीएफ ने यूएएन (UAN) नंबर की सुविधा शुरू की है. यह ऐसा नंबर होता है जो कि नौकरी बदलने पर भी नहीं बदलता है. इस नंबर से अपने पुराने अकांउट को लिंक कराने के बाद सारे अकाउंट एक ही जगह आ जाते हैं.

इन कंडीशन्स में आपका अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है
– अगर 55 साल का होने के बाद कर्मचारी 36 महीने के भीतर सेटेलमेंट नहीं करता है.
– अगर सब्‍सक्राइबर विदेश चला जाता है.

– अगर ईपीएफ मेंबर की मौत हो जाती है.
– नौकरी से इस्‍तीफा देने के बाद पीएफ से पैसा निकालने का पात्र हो जाने की तारीख से 36 महीने के भीतर सेटेलमेंट नहीं करता है.

सबसे पहले यूएएन को करें एक्टिव
ईपीएफओ के हर मेंबर को एक UAN नंबर एलॉट किया गया है. आम तौर पर यह आपकी सैलरी स्लिप पर लिखा होता है. इसे एक्टिवेट करने के लिए आपको EPFO के यूनिफाइड मेंबर पोर्टल पर जाना होगा. https:// unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/ memberinterface. इस वेबसाइट पर क्लिक कर आप एक्टिवेट UAN टैब पर क्लिक करें. UAN नंबर डालने के बाद नाम, डेट ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर डालना होगा. इसके बात एक ऑथराइजेशन पिन जेनरेट होता है. इस पिन को डालने के बाद आपका UAN एक्टिवेट हो जाता है.

दो या इससे ज्यादा पुराने अकाउंट्स को लिंक कराने के लिए उठाए यह कदम
EPFO की वेबसाइट पर सर्विस टैब में वन इम्प्लाई-वन EPF अकाउंट सेलेक्ट करना पड़ेगा. इस लिंक पर क्लिक करने के बाद एक फॉर्म खुलेगा. EPF मेंबर को यहां अपना मोबाइल नंबर डालना पड़ेगा. इसके बाद UAN और मौजूदा मेंबर आईडी एंटर करना पड़ेगा. इन चीजों को डालने के बाद एक OTP जेनरेट होगा. OTP से इसे ऑथेन्टिकेट करना पड़ेगा. एक बार OTP डालने के बाद पुराने PF अकाउंट वाला पेज दिखने लगेगा. एक बार पुराना PF नंबर डालने और डिक्लेरेशन को स्वीकार करने के बाद सबमिट करने पर का मर्जर का रिक्वेस्ट स्वीकार हो जायेगा. UAN को एक्टिवेट करने के तीन दिन बाद ही अकाउंट का का मर्जर किया जा सकता है. इस सुविधा का उपयोग करने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी का KYC अपडेट किया गया हो और आधार की जानकारी वहां दी गई हो.

दोनों का पैसा जमा होता है ईपीएफ अकाउंट में
इंप्लॉई और इंप्लॉयर दोनों की ओर से कर्मचारी के नौकरी काल में ईपीएफ में रेगुलर योगदान जाता है. यह बेसिक सैलरी का 12-12 प्रतिशत होता है. ऐसे ही अगर आप रिटायरमेंट की उम्र से पहले नौकरी छोड़ते हैं तो भी एक निश्चित समय तक PF खाते में जमा पर आपको ब्याज मिलता रहता है. वर्तमान में यह ब्याज दर 8.5 प्रतिशत है.

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