पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Election 2021) में बीजेपी को हराने का दावा करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को ममता बनर्जी ने बड़ी जिम्मेदारी है. सिन्हा शनिवार को ही टीएमसी में शामिल हुए हैं.
कोलकाता: पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के शासन के धुर विरोधी यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. यशवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस (TMC) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही यशवंत सिन्हा को टीएमसी की नेशनल वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है. सिन्हा ने पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए 8 चरणों में होने वाले चुनाव से पहले TMC का दामन थामा है.
2018 में छोड़ी बीजेपी
बता दें, यशवंत सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के मंत्रिमंडल में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, लेकिन बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व से मतभेदों के चलते वर्ष 2018 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी. उनके बेटे जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी के लोक सभा सदस्य हैं. सिन्हा ने बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का समर्थन करने की ‘शपथ’ ली है.
ममता को बताया था ‘फाइटर’
इससे पहले पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को लेकर बड़ा दावा किया था. उन्होंने कहा था, 1999 में कंधार में आईसी-814 विमान के अपहरण के बाद से चल रहे तनाव के बीच, ममता बनर्जी ने बंधकों को रिहा करने के बदले खुद को बंधक के रूप में रखने की पेशकश की थी. सिन्हा ने कहा कि जब इंडियन एयरलाइंस का हवाई जहाज हाईजैक कर लिया गया था और आतंकवादी उसे कंधार ले गए थे, तब कैबिनेट में एक दिन चर्चा हो रही थी तो ममता बनर्जी ने ऑफर किया कि वह स्वयं बंधक बनकर जाएंगी. शर्त ये होनी चाहिए कि बाकी जो बंधक हैं, उनको आतंकवादी छोड़ दें और वो उनके कब्जे में चली जाएंगी. उसके बाद जो कुर्बानी देनी होगी, वो देश के लिए देने को तैयार होंगी. सिन्हा ने यह भी कहा था कि ममता बनर्जी अपने शुरुआती दिनों से एक ‘फाइटर’ रही हैं और उनमें अभी भी लड़ने का जज्बा बरकरार है.
चंद्रशेखर सरकार में भी रहे मंत्री
बता दें, यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी और इसके बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल भी उन्हें इस मंत्रालय का कार्यभार मिला. उन्होंने वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई. सिन्हा 2018 में बीजेपी छोड़ने के बाद से ही केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं.