दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए पार्किंग में रिजर्वेशन के लिए एक अहम शर्त भी रखी है.
राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रनिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के मकसद से दिल्ली सरकार ने एक नया नियम बनाया है. इसके तहत, दिल्ली के शॉपिंग मॉल, अस्पतालों, होटलों या आफिस कॉम्प्लेक्स में अब पार्किंग में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को 5 फीसदी रिजर्वेशन मिलेगा. हालांकि, राज्य सरकार ने इसमें यह नियम भी जोड़ा है कि 100 से अधिक मोटर पार्किंग की व्यवस्था होगी, वहीं यह रिजर्वेशन लागू होगा. यानी, ऐसी पार्किंग में 5 फीसदी स्थान ईव्हीकल के लिए आरक्षित होंगे.
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने 100 से अधिक वाहनों की पार्किंग की क्षमता वाले मॉल, अस्पतालों, होटलों और कार्यालयों इत्यादि को पार्किंग स्थल का पांच फीसदी हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके चार्जिंग केंद्रो के लिये आरक्षित रखने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसके ऐसा करने से शहर में दिसंबर तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये 10,000 से अधिक चार्जिंग केंद्रों का इंतजाम हो सकेगा.
अधिकारियों ने बताया कि इस आदेश पर अमल करने के लिये दिसंबर तक का समय दिया गया है. अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत ये कॉम्प्लेक्स प्रत्येक चार्जिंग केंद्र पर छह हजार रुपये की रियायत का लाभ ले सकते हैं.
दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार खरीदना भी सस्ता
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बीते साल अगस्त में ‘दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ पेश की थी. इसके तहत, दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन फीस व रोड टैक्स से छूट मिलेगी और नए वाहनों के लिए 1.5 लाख रुपये तक का इसेंटिव का प्रावधान है. साथ ही दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स के लिए लो इंट्रेस्ट लोन भी उपलब्ध करा रही है.
दिल्ली सरकार के मुताबिक, दिल्ली ईवी पॉलिसी का मकसद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और प्रदूषण का स्तर घटाना है. दिल्ली ईवी पॉलिसी के तहत राज्य सरकार टूव्हीलर्स, ऑटो व ई-रिक्शा, मालवाहक वाहनों के लिए 30000 रुपये तक और कारों के लिए 1.5 लाख रुपये तक का इंसेंटिव दे रही है. यह छूट केंद्र से मिलने वाली छूट के अलावा है.