OFFICENEWS

Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुलेंगे, जानें अन्य धामों में कब से शुरू होंगे दर्शन

भगवान केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुलेंगे. बारिश और बर्फबारी के बीच विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर बंद किए गए थे. बीते यात्रा वर्ष में 1 लाख 35 हजार 23 श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए. पढ़ें अन्य धामों के दर्शन कब हो सकेंगे.

नई दिल्ली:  भक्तों का इंतजार अब खत्म होगा. करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट 17 मई को खुलेंगे. उत्तराखंड (Uttarakhand) चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस बात की जानकारी दी है. गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में केदारनाथ धाम के कपाट परंपरा के अनुसार वैदिक उच्चारण के साथ 6 माह के लिए बंद कर दिए गए थे.

इसलिए बंद हुए थे कपाट 

उत्तराखंड के मौसम के बिगड़ते हालात को देखते हुए मंदिर के कपाट को बंद करने का निर्णय लिया गया था. बारिश और बर्फबारी के बीच विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर बंद किए गए थे. बीते यात्रा वर्ष में 1 लाख 35 हजार 23 श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए.

18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ मंदिर के कपाट

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अगले दिन ही 18 मई को उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल जिले में स्थित देश के चार धामों में से एक बदरीनाथ मंदिर के कपाट भी सुबह से खोल दिए जाएंगे. 18 मई को सुबह 4.15 बजे दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे और फिर लंबे इंतजार के बाद भक्तों को भगवान का दर्शन हो सकेगा.

भगवान पहनते हैं ऊनी लबादा

आपको बता दें कि कपाट बंद होने से पहले भगवान को ऊन का लबादा पहनाया गया था. इतना ही नहीं इस ऊन के लबादे पर घी लगाया जाता है. यहां पर भक्त और भगवान की आत्मीय बंधन दिखता हैं. प्रभु को ठंड न लगे, इस धारणा, आत्मीयता, स्नेह के कारण भगवान को यह ऊन का लबादा जिसे घृत कम्बल कहते हैं, पहनाया जाता है. इसे भारत के अंतिम गांव माणा की कन्या बुनकर भगवान को देती हैं. भगवान के प्रति सम्मान यह वस्त्र उपहार और आदर के रूप में देखा जाता है.

शीतकाल में देवता करते हैं पूजा

ऐसी मान्यता है कि भगवान के शीतकाल में कपाट बंद होने पर देवता, भगवान के दर्शन-अर्चन करने आते हैं. जिस तरह कपाट खुलने पर मानव भगवान के दर्शन-अर्चन करते हैं उसी प्रकार कपाट जब बंद रहता है तब देवता भगवान की पूजा करते हैं. 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top