LPG Price Hike: 1 मार्च 2014, यानी आज से 7 साल पहले 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर (LPG) की कीमत 410.5 रुपये हुआ करती थी, लेकिन आज मार्च 2021 में इसकी कीमत करीब करीब दोगुनी होकर 819 रुपये हो चुकी है, ये बात तो सरकार ने खुद संसद में कही है.
नई दिल्ली: LPG Price Hike: 1 मार्च 2014, यानी आज से 7 साल पहले 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर (LPG) की कीमत 410.5 रुपये हुआ करती थी, लेकिन आज मार्च 2021 में इसकी कीमत करीब करीब दोगुनी होकर 819 रुपये हो चुकी है, ये बात तो सरकार ने खुद संसद में कही है. लेकिन दाम बढ़ने के बावजूद रसोई गैस का इस्तेमाल यानी खपत भी बढ़ी है.
LPG के दाम बढ़े, लेकिन खपत नहीं घटी
सरकारी तेल कंपनियों की ओर से बताया गया है कि कीमतें बढ़ने के बावजूद LPG सिलेंडर की खपत बीते तीन महीनों में 7.3 परसेंट बढ़ी है. इसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थी, जो ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब परिवार हैं, यहां भी खपत 20 परसेंट बढ़ी है. Indian Oil Corporation के मुताबिक LPG की खपत PMUY में बढ़ी है.
3 महीनों में LPG 175 रुपये महंगा हुआ
दिसंबर 2020 से लेकर फरवरी 2021 के दौरान रसोई गैस की कीमतों में 175 रुपये का बड़ा इजाफा हुआ, इस दौरान Pradhan Mantri Ujjwala Yojana के लाभार्थियों में खपत में 19.5 परसेंट की बढ़ोतरी देखी गई PMUY के दायरे में 8 करोड़ परिवार आते हैं जिन्हें 2016 से फ्री गैस कनेक्शन मिला है. IOC के अलावा ऐसा ही बयान BPCL की तरफ से भी आया है.
7 साल में दोगुना हुआ LPG का रेट
रिपोर्ट्स ऐसी भी आईं हैं कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कुछ लाभार्थियों ने कीमतें बढ़ने के बाद LPG सिलेंडर खरीदना बंद कर दिया. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में ये माना है बीजेपी के सत्ता में आने के बाद 7 सालों के दौरान रसोई गैस की कीमतें दोगुना हो चुकी हैं. 1 मार्च 2014 को रसोई गैस का दाम 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर था, जो कि अब 819 रुपये हो चुका है.
कोरोना की वजह से फ्री में बांटे LPG सिलेंडर
बयान के मुताबिक, ‘मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआती तिमाहियों में LPG की खपत 23.2 परसेंट ज्यादा थी, जिसका सबसे बड़ा कारण था कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को फ्री में सिलेंडर बांटे गए थे. रसोई गैस सिलेंडर की मांग दिसंबर-फरवरी में भी अच्छी रही, ये 7.3 परसेंट सालाना की रफ्तार से बढ़ी.’
उज्ज्वला योजना में खपत बढ़ी
बीते तीन महीनों के दौरान (दिसंबर-जनवरी-फरवरी 2021) उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों ने 10.1 लाख टन LPG की खपत की, जो कि पिछले साल 8.45 लाख टन थी. तेल कंपनियों का कहना है कि अगर साल दर साल के हिसाब से देखें तो मौजूदा वित्त वर्ष (अप्रैल 2020-फरवरी 2021) में रसोई गैस सिलेंडर की खपत में 10.3 परसेंट की अच्छी ग्रोथ दिखी. लॉकडाउन के दौरान गरीबों को मुश्किलों से उबारने के लिए, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को तीन फ्री सिलेंडर बांटे गए, जिनकी कुल कीमत 9670 करोड़ रुपये थी.