कई स्टडी में दावा किया गया है कि हल्दी के सेवन से कैंसर से बचाव होता है.
नई दिल्लीः आयुर्वेद में हल्दी को बहुत ही गुणकारी बताया गया है. हल्दी में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं. जिससे हमारा शरीर विभिन्न तरीके के इंफेक्शन से बचा रहता है. लेकिन अगर इस हल्दी को नींबू और शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाए तो इसके फायदे आपको चौंका देंगे. इसके लिए आपको बस आधा चम्मच हल्दी, आधा नींबू, एक-दो चम्मच शुद्ध शहद और गुनगुना पानी लेना होगा. पहले गिलास में नींबू निचोड़कर उसमें पानी मिलाना होगा. उसके बाद हल्दी और शहद मिलाकर घोल तैयार करना होगा और इसे सुबह नाश्ते से आधा घंटे पहले पीना होगा. इसके नियमित सेवन से शरीर को गजब के फायदे मिलेंगे. जिनका विवरण निम्न है.
कैंसर से बचाव
कई स्टडी में दावा किया गया है कि हल्दी के सेवन से कैंसर से बचाव होता है. इसमें एंटी कैंसर इफेक्ट होता है. जो कैंसर सेल्स को खत्म करता है. ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर और पेट के कैंसर से बचाव में हल्दी कमाल का फायदा देती है.
लीवर के लिए फायदेमंद
हमारे शरीर में पैदा होने वाले टॉक्सिक पदार्थों से हमारे लीवर को काफी खतरा रहता है. लेकिन हल्दी, नींबू और शहद के सेवन से लीवर इन टॉक्सिस पदार्थों के प्रभाव से बच जाता है. हल्दी का यह घोल लीवर संबंधी समस्याओं को दूर करने में बेहद कारगर है.
मोटापे से बचाव
हल्दी, नींबू और शहद के रोजाना सेवन से मोटापे से भी राहत मिलती है. दरअसल हल्दी के एंटी इंफ्लामेटरी गुणों के कारण शरीर को मोटापे से राहत मिलती है. साथ ही इससे त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है. हल्दी के इस्तेमाल से डायबिटीज में भी फायदा मिलता है और हमारे शरीर में शुगर लेवल सामान्य बना रहता है.
जोड़ों के दर्द में राहत
मलेशिया में हुई एक स्टडी के अनुसार, हल्दी के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है. हल्दी के सेवन से हमारा मूड भी ठीक रहता है और हमारे दिमाग पर भी हल्दी का अच्छा असर पड़ता है.
हृदय के लिए फायदेमंद
हल्दी, नींबू और शहद के सेवन से नसों में होने वाले ब्लॉकेज को रोका जा सकता है. इससे हृदय संबंधी परेशानियों को रोका जा सकता है. हल्दी का इस्तेमाल इंसानों में प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है.
बालों के लिए भी अच्छी है हल्दी
इंसानों में बालों के झड़ने की प्रमुख वजह तनाव, खराब डाइट या फिर हार्मोन्स का असंतुलन प्रमुख कारण है. हल्दी के इस्तेमाल से हमारे बाल मजबूत और घने होते हैं. ऐसे में उक्त तीनों कारणों का असर बालों पर कम किया जा सकता है.
(डिस्कलेमर- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ऐसे में कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर के परामर्श पर ही कोई काम करें. )