देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. यानी SBI से होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे कई लोन महंगे हो जाएंगे. SBI से लोन लेना महंगा जानकारी के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बेस रेट 0.10 फीसदी बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है.
SBI Home Loan: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. यानी SBI से होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे कई लोन महंगे हो जाएंगे.
SBI से लोन लेना महंगा
जानकारी के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बेस रेट 0.10 फीसदी बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है. बैंक ने प्राइम लेंडिंग दर भी 0.10 फीसदी बढ़ाकर 12.15 परसेंट कर दी हैं. हालांकि, बैंक ने MCLR दर में कोई बदलाव नहीं किया है. SBI ने एक लंबे समय बाद ब्याद दरों में बढ़ोतरी की है. इसके पहले SBI ने ब्याज दरों में कटौती की थी.
महिलाओं के लिए होम लोन की दरों में कटौती
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने दो दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के लिए होमलोन की ब्याज दरों में कटौती की थी. इसके साथ बैंक और भी कई अतिरिक्त फायदे भी दिए थे. महिलाओं को होम लोन पर 5 Basis points की अतिरिक्त छूट दी गई है. इसके अलावा गहनों की खरीद (Jewelry Shopping) पर भी स्पेशल डिस्काउंट दिया जा रहा है.
SBI ने पहले घटाईं थी ब्याज दरें
इसके पहले SBI ने होम लोन पर ब्याज दर को घटाकर 6.70 प्रतिशत कर दिया था. होम लोन की ब्याज दरें 75 लाख रुपये तक के लोन के लिए 6.70 परसेंट से शुरू होती हैं और 75 लाख से 5 करोड़ रुपये की लिमिट में लोन के लिए 6.75 प्रतिशत हैं. बैंक लोन अमाउंट और सिबिल स्कोर के आधार पर 0.70 प्रतिशत या 70 बेसिस प्वॉइंट तक का डिस्काउंट दे रहा है. अगर लोन लेने वाली एक महिला कस्टमर है तो उसे 5 बेसिस प्वॉइंट का डिस्काउंट मिलता है.
किसके लिए महंगा होगा लोन
SBI का लोन उन ग्राहकों के लिए ही महंगा होगा जिन्होंने प्राइम लेंडिंग रेट या बेस रेट पर लोन लिया होगा, उन ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिन्होंने रेपो लिंक्ड लोन लिया है. उन ग्राहकों ने जिन्होंने अपना लोन रेपो लिंक्ड पर ट्रांसफर करवा लिया है, उनकी भी EMI पर फर्क नहीं पड़ेगा.
SBI ने होम लोन सेक्टर में बड़ी कामयाबी हासिल की है. कुल 34 परसेंट मार्केट पर SBI का कब्जा है. SBI ने कुल 5 लाख करोड़ तक का लोन अब तक दे दिया है. एसबीआई का टारगेट है कि 2024 तक इस आंकड़े को 7 लाख करोड़ तक पहुंचा दिया जाए.