एचटीटीपीएस- पहला बदलाव क्रोम 90 में आएगा, जिसे इस साल अप्रैल के मध्य में रिलीज किया जाएगा. वर्तमान में, जब कोई यूजर्स ओम्निबॉक्स में एक लिंक टाइप करता है – क्रोम एड्रेस (URL) बार – क्रोम प्रोटोकॉल की परवाह किए बिना टाइप किए गए लिंक को लोड करेगा.
सैन फ्रॉन्सिस्को: अब आपको Google Chrome पर किसी साइट को ब्राउज करते वक्त डेटा चोरी होने या थर्ड पार्टी लीक की चिंता नहीं होगी. टेक दिग्गज कंपनी गूगल अपने Google Chrome ब्राउजर में नई सुरक्षा तकनीक को लागू करने की तैयारी कर रही है.
HTTP बनेगा डिफॉल्ट
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गूगल क्रोम ब्राउजर (Google Chrome Browser) जल्द ही एचटीटीपी (HTTP) को डिफॉल्ट के रूप में उपयोग करेगा. अक्सर यूजर्स एचटीटीपी या एचटीटीपीएस (HTTPS) प्रीफिक्स लिखना भूल जाते हैं. यह कदम ब्राउजर सुरक्षा बढ़ाने के लिए क्रोम इंजीनियरों के प्रयासों के अनुरूप है.
जेडडी ने पिछले हफ्ते की रिपोर्ट में बताया कि एचटीटीपीएस- पहला बदलाव क्रोम 90 में आएगा, जिसे इस साल अप्रैल के मध्य में रिलीज किया जाएगा. वर्तमान में, जब कोई यूजर्स ओम्निबॉक्स में एक लिंक टाइप करता है – क्रोम एड्रेस (URL) बार – क्रोम प्रोटोकॉल की परवाह किए बिना टाइप किए गए लिंक को लोड करेगा.
लेकिन अगर यूजर्स प्रोटोकॉल नहीं जोड़ते हैं, तो क्रोम प्रीफिक्स एचटीटीपी जोड़ देगा और एचटीटीपी के माध्यम से डोमेन को लोड करने का प्रयास करेगा. क्रोम सुरक्षा इंजीनियर एमिली स्टार्क के अनुसार, यह क्रोम 90 में बदल जाएगा. वी 90 से शुरू होकर एचटीटीपी के माध्यम से साइट को खोलने का प्रयास करेगा, जब यूजर्स किसी URL को टाइप करते समय प्रीफिक्स छोड़ देते हैं.
गूगल ने पहले कहा था कि क्रोम में सुरक्षित ब्राउजिंग ऑटोमैटिकली आपको Spam से बचाती है और खतरनाक साइटों पर जाने या संदिग्ध फाइलों को डाउनलोड करने से पहले आपको चेतावनी देती है.
गूगल ने कहा, ‘यदि आप क्रोम का उपयोग करते हैं, तो आपकी पासवर्ड सुरक्षा स्वचालित रूप से अंतर्निहित हैं.’
क्रोम पहले से ही लोगों को चेतावनी देता है जब वे असुरक्षित एचटीटीपी पेज पर पासवर्ड या पेमेंट कार्ड डेटा सहित सेंसिबल जानकारी शेयर करते हैं.