कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 4 मार्च 2021 को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दरों (EFP Interest Rates) का ऐलान कर सकता है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 4 मार्च को ही श्रीनगर में बैठक है. माना जा रहा है कि इस बार ब्याज दरों को 8.5 फीसदी से कम किया जा सकता है. पिछले साल संगठन ने ब्याज दर घटाकर 7 साल के सबसे निचले स्तर 8.5 फीसदी पर पहुंचा दी थी.
नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 4 मार्च 2021 को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दरों (EPF Interest Rates) का ऐलान कर सकता है. दरअसल, इसी दिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की श्रीनगर में बैठक है. इस बैठक में ईपीएफओ की कमाई और वित्तीय हालात (Earning and Financial Situation) की पड़ताल की जाएगी. इसी बैठक में वित्त वर्ष 2020-21 के लिये ब्याज दर की घोषणा करने के प्रस्ताव पर भी फैसला होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि कोरोना संकट के मद्देनजर संगठन ईपीएफ पर ब्याज दरों में कमी कर 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स को झटका दे सकता है.
बाजार के हालात खराब, नहीं निकाल सकते कुछ जगह से पैसा
बोर्ड ने हाल में कहा था कि सब्सक्राइबर्स को 31 मार्च 2021 के अंत तक दो किस्तों में 8.50 फीसदी ब्याज दर का भुगतान किया जाएगा. पहली किस्त में सब्सक्राइबर्स को 8.15 फीसदी और दूसरी में 0.35 फीसदी ब्याज का भुगतान किया जाएगा. ईपीएफओ ने कहा था कि 8.50 फीसदी ब्याज में 8.15 फीसदी डेट इनकम और 0.35 फीसदी ईटीएफ की बिक्री से हासिल होगी. ईपीएफओ बोर्ड के सदस्य वृजेश उपाध्याय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी, लेकिन मौजूदा हालात में इसे दो किस्त में चुकाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ निवेश से फिलहाल पैसा नहीं निकाला जा सकता क्योंकि बाजार के हालात खराब हैं.
क्यों घटाई जा सकती है कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर
ईपीएफओ के एक ट्रस्टी केई रघुनाथन ने हाल में बताया था कि उन्हें 4 मार्च को श्रीनगर में सीबीटी की बैठक की सूचना मिली है. बैठक का एजेंडा जल्द आने वाला है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बैठक की सूचना से संबंधित ई-मेल में ब्याज दर पर चर्चा का कोई जिक्र नहीं है. इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर घटा सकता है. बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.5 फीसदी थी. माना जा रहा है कि कोरोना संकट के बीच पीएफ से ज्यादा निकासी और कम कंट्रीब्यूशन के कारण ब्याज घटाने का फैसला लिया जा सकता है.
2020 में घटाकर कर दिया था 7 साल का सबसे कम ब्याज
ईपीएफओ ने मार्च 2020 में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.5 फीसदी की थी. बीते सात साल में यह सबसे कम ब्याज है. इससे पहले 2012-13 में ब्याज दरें 8.5 फीसदी पर थीं. वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर सब्सक्राइबर्स को 8.65 फीसदी ब्याज मिला था. ईपीएफओ ने सब्सक्राइबर्स को 2016-17 के लिए पीएफ जमा पर 8.65 फीसदी, 2017-18 के लिए 8.55 फीसदी और 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी ब्याज दिया था. वहीं, 2013-14 में पीएफ जमा पर 8.75 फीसदी का ब्याज मिलता था, जो वित्त वर्ष 2012-13 के लिए 8.5 फीसदी से ज्यादा था.