मास्टर डायरेक्शन में इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा, मोबाइल बैंकिंग पेमेंट, कार्ड पेमेंट्स, ग्राहकों की हितों की रक्षा और शिकायत निपटारा के मामलों को शामिल किया गया है.
नई दिल्ली. भारत के बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने देश के डिजिटल पेमेंट को मजबूत करने और सुरक्षा के लिए नया नियम जारी किया है. ऑनलाइन फ्रॉड के लगातार बढ़ रहे मामलों की वजह से आरबीआई ने यह कदम उठाया है. रिजर्व बैंक ने गुरुवार को डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बैंकों और कार्ड जारी करने वाली संस्थाओं के लिए एक मास्टर डायरेक्शन जारी किया.
मास्टर डायरेक्शन में इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा, मोबाइल बैंकिंग पेमेंट, कार्ड पेमेंट्स, ग्राहकों की हितों की रक्षा और शिकायत निपटारा के मामलों को शामिल किया गया है. मास्टर डायरेक्शन शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंकों, पेमेंट्स बैंकों और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले एनबीएफसी पर लागू होंगे.
आरबीआई ने 6 माह का वक्त दिया
आरबीआई ने पेमेंट सुरक्षा के नियमों को और कड़ा कर दिया है. आरबीआई के नए 21 पेज के मास्टर डायरेक्शन के मुताबिक, अब डिजिटल ट्रांजैक्श के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल लेने वाले बैंकों को एस्क्रो में ऐप्स का सोर्स कोड भी रखना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐप ट्रांजैक्शंस के लिए सुरक्षित हैं. सभी एंटिटीज को अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई ने 6 माह का वक्त दिया है.
यह मास्टर डायरेक्शन इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल पेमेंट्स, कार्ड पेमेंट्स, कस्टमर प्रोटेक्शन और ग्रीवांस रिड्रेसल मैकनिज्म के लिए दिशा-निर्देश देता है. पहली बार आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट्स के ऑपरेशनल पार्ट में दखल दिया है, जबकि इससे पहले आरबीआई नियमों को तय करने की जिम्मेदारी एनपीसीआई पर छोड़ देता था.