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देशभर में एक नहीं, बल्कि दो बार हड़ताल पर जाएंगे ट्रक ट्रांस्‍पोर्टर्स, इस दिन नहीं चलेंगे 1 करोड़ ट्रक!

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने न्‍यूज18 हिंदी से कहा कि हमारी मांगों को लेकर हमें ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन से समर्थन मिला है. ऐटवा के देशभर में 1 करोड़ से अधिक ट्रांस्‍पोर्टर एवं कुरियर कंपनी ट्रांस्‍पोर्ट के सदस्‍य हैं. 26 फरवरी को इतने ट्रकों का पहिया रूका रहेगा.

नई दिल्‍ली : डीजल के बढ़ते दामों (Diesel Price Hike), ई-वे बिल से संबंधित मसलों और स्क्रैपिंग पॉलिसी जैसे मुद्दों से नाराज़ चल रहे ट्रांस्‍पोर्टर्स के हड़ताल पर जाने के बीच अब यह मामला दो धड़ों में बंटता दिख रहा है. जहां द ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने पहले अपनी मांगों को लेकर सरकार को 14 दिन का वक्‍त देते हुए देशव्‍यापी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया, इसी बीच व्‍यापारिक संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) और ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने इससे अलग 26 फरवरी को एक दिन के भारत बंद का ऐलान किया है. इस तरह अब दो हड़तालें आयोजित की जा रही हैं, जिसके तहत पहली हड़ताल 26 फरवरी को होनी तय हुई है, जबकि दूसरी हड़ताल मांगें न माने जाने की स्थिति में कुछ दिनों के बाद की जाएगी.

AIMTC ने एक दि‍वसीय हड़ताल से किया खुद को अलग!
पहले बात करें ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस संगठन की, जिसने पहले अपनी मांगें न माने जाने की स्थिति में देशव्‍यापी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था, ने स्‍पष्‍ट तौर पर 26 फरवरी की देशव्यापी हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है. AIMTC के महासचिव नवीन कुमार गुप्‍ता ने न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में कहा कि एक राजनीतिक संगठन से जुड़े एक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के साथ व्यापार संगठन ने 26 फरवरी को ई-वे बिल के एक मुद्दे पर देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. गर्वनिंग काउंसिल में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई और यह केवल कुछ व्‍यक्तियों का निर्णय है. उनका कहना है कि यह कुछ व्यक्तियों का निर्णय है. हम इसका हिस्सा नहीं हैं और हमारे 95 लाख ट्रक उस दिन देशभर में काम को जारी रखते हुए सप्लाई करेंगे और सभी परिवहन कंपनियों के बुकिंग कार्यालय खुले रहेंगे.

जल्‍द बुलाई जाएगी गर्वनिंग काउंसिल की बैठक
उन्‍होंने कहा कि AIMTC की गवर्निंग काउंसिल की आपात बैठक में उठाई गई चिंताओं के मद्देनजर, आम आदमी सहित सभी को प्रभावित करने वाले इन ज्वलंत मुद्दों के समाधान के लिए सरकार को वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया है और 16 फरवरी को सरकार को नोटिस भेजा गया था. अगर सरकार भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र के इन मुद्दों के प्रति संवेदनशील नहीं हो पाती है, तो देशव्‍यापी हड़ताल पर जाने के लिए गर्वनिंग काउंसिल की एक और बैठक बुलाई जाएगी. इस दिन तारीख तय कर दी जाएगी. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि एआईएमटीसी 26 फरवरी को राजनीतिक रूप से संबद्ध संगठनों द्वारा दिए गए कॉल का समर्थन नहीं करता है.

26 फरवरी को रूका रहेगा 1 करोड़ ट्रकों का पहिया!
उधर, कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने न्‍यूज18 हिंदी से कहा कि हमारी मांगों को लेकर हमें ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन से समर्थन मिला है. ऐटवा के देशभर में 1 करोड़ से अधिक ट्रांस्‍पोर्टर एवं कुरियर कंपनी ट्रांस्‍पोर्ट के सदस्‍य हैं. 26 फरवरी को इतने ट्रकों का पहिया रूका रहेगा. परिवहन सेक्‍टर में ये दो संस्‍थाएं काम कर रही हैं. हम ऐटवा के समर्थन से एक दिन का भारत बंद रखेंगे और इस दिन करीब एक करोड़ ट्रकों का चक्‍का जाम रहेगा.

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