IND vs ENG: भारत की यह रनों के लिहाज से पांचवीं बड़ी जीत है. इंग्लैंड के खिलाफ उसने अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की. इससे पहले उसने 1986 में लीड्स में 279 रन से जीत हासिल की थी.
नई दिल्ली. टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट (India vs England) में मिली हार का बदला ले लिया. भारत ने दूसरा टेस्ट 317 रन से जीता. यह रन के लिहाज से टीम इंडिया (Indian Cricket Team) की इंग्लैंड पर सबसे जीत है. चेन्नई में टीम को जीत दिलाने में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin), रोहित शर्मा (Rohit Sharma), कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli), ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और अक्षर पटेल (Axar Patel) का रोल अहम रहा. इसलिए यह सभी दूसरे टेस्ट में मिली जीत के असल हीरो हैं. सीरीज का पहला मुकाबला भी चेन्नई में ही खेला गया था. जहां मेहमान टीम ने भारत को 227 रन के बड़े अंतर से मात दी थी. इस हार के बाद टीम की बल्लेबाजी, गेंदबाजी के साथ ही विराट की कप्तानी पर भी सवाल उठने लगे थे. लेकिन इन सवालों से बेपरवाह टीम दूसरे टेस्ट की तैयारियों में जुट गई और ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह बड़ी हार के बाद वापसी की थी. ठीक वैसा ही खेल यहां भी दिखाया.
इसमें दो खिलाड़ियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही. एक सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा, तो दूसरे ऑफ स्पिनर रविचंद्नन अश्विन. पहले टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर 18 रन बनाने वाले रोहित ने दूसरे टेस्ट में अपनी बल्लेबाजी से सारे समीकरण बदल दिए. उन्होंने पहले दिन से ही टर्न ले रही पिच पर ऐसी पारी खेली जिसने न सिर्फ पिछले मैच की उनकी नाकामी को धो दिया. बल्कि टीम इंडिया की जीत की भी नींव रखी. रोहित ने आउट होने से पहले 161 रन की बेहतरीन पारी खेली और भारतीय टीम इस टर्निंग ट्रैक पर पहली पारी में 329 रन बनाने में कामयाब रही. रोहित की यह पारी इस मायने में भी खास थी क्योंकि उन्होंने 15 महीने बाद टेस्ट क्रिकेट में शतक जमाया था. उन्होंने पिछली बार 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रांची टेस्ट में सेंचुरी लगाई थी. चेन्नई और इंग्लैंड के खिलाफ भी उनका यह पहला शतक था. इससे पहले जब भी उनके बल्ले से शतक निकला था. तब-तब टीम को जीत मिली थी. इस मैच से पहले पांच टेस्ट मैच रहे हैं, जिनमें रोहित ने सेंचुरी जमाई. इन पांचों मुकाबलों में भारत को जीत मिली और चार में तो पारी के अंतर से टीम इंडिया जीती थी. ऐसे में रोहित ने शतकीय पारी खेलने के बाद ही टीम की जीत तय कर दी थी.
अश्विन हैं जीत के सबसे बड़े हीरो
अश्विन भी चेन्नई में जीत के हीरो रहे. अश्विन ने पहले टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर 9 विकेट तो लिए थे. लेकिन वे इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पूरी तरह रोकने में नाकाम रहे. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पहले टेस्ट की पहली पारी में अश्विन ने तीन विकेट लेने के लिए 55 ओवर से ज्यादा गेंदबाजी की और 146 रन दिए थे. लेकिन दूसरे टेस्ट में पिच से मिली मदद का इस ऑफ स्पिनर ने पूरा फायदा उठाया और पहली पारी में इंग्लैंड को 134 रन के स्कोर पर समेटने में उनकी भूमिका अहम रही. अश्विन ने 5 विकेट झटके. पहली पारी में गेंद से कमाल दिखाने वाले अश्विन ने दूसरी पारी में बल्ले से अपनी काबिलियत साबित की और टेस्ट करियर की पांचवीं सेंचुरी लगाई. इसके साथ एक अनूठा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. वे तीसरी बार एक ही टेस्ट में 5 विकेट और सेंचुरी लगाने पहले भारतीय बने. अश्विन के इस प्रदर्शन से भारत ने दूसरी पारी में 286 रन बनाए और उसने इंग्लैंड को 482 रनों का लक्ष्य दिया.
पंत का चेन्नई में ऑलराउंड प्रदर्शन
टीम की जीत में विकेटकीपर ऋषभ पंत का रोल भी इन दोनों से कम नहीं है. पंत ने पहली पारी में 77 गेंद पर नाबाद 58 रन की पारी खेली. पंत ने लगातार चौथे टेस्ट में अर्धशतक लगाया. ऑस्ट्रेलियाई दौरे से ही पंत जबरदस्त फॉर्म में हैं. सिडनी टेस्ट की चौथी इनिंग्स में पंत ने 87 रन की पारी खेली थी, जिसकी बदौलत भारत यह टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रहा. इसके बाद ब्रिसबेन टेस्ट की चौथी पारी में भी पंत के नाबाद 89 रन की पारी की बदौलत भारत ऐतिहासिक जीत हासिल करने में सफल रहा. इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट में भी पंत ने 91 रनों की पारी खेली थी. इसके अलावा विकेट के पीछे भी पंत का प्रदर्शन अच्छा रहा. उन्होंने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में ओली पोप और जैक लीच के शानदार कैच पकड़े. इसके अलावा दूसरी पारी में भी उन्होंने डॉन लॉरेंस को शानदार तरीके से स्टम्प भी किया.
पहले टेस्ट में ही अक्षर ने लिए
अपना पहला टेस्ट खेल रहे अक्षर पटेल भी चेन्नई टेस्ट की जीत के हीरो रहे. अक्षर को शाहबाज नदीम की जगह इस टेस्ट के लिए टीम में जगह दी गई थी. उन्होंने इस मौके को पूरा भुनाया और पहली पारी में इंग्लैंड के 2 और दूसरी में 5 बल्लेबाजों को आउट किया. उन्होंने दूसरी पारी में 60 रन देकर इंग्लैंड के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. इसके साथ ही वे डेब्यू पर पांच विकेट लेने वाले छठे भारतीय भी बने. साथ ही दिलीप दोषी के बाद अपने पहले टेस्ट में पांच विकेट वाले दूसरे बाएं हाथ के स्पिनर भी बने. दिलीप दोषी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1979 में चेन्नई में ही ऐसा किया था.
विराट ने दूसरी पारी में बनाई अहम फिफ्टी
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने न सिर्फ कप्तानी बल्कि बल्ले से भी दूसरे टेस्ट में टीम के लिए अहम योगदान दिया. इस टेस्ट की पहली पारी में शून्य पर आउट होने के बाद विराट ने दूसरी पारी में अर्धशतक जमाया. 62 रन की उनकी यह पारी इसलिए भी अहम रही. क्योंकि दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 100 रन के भीतर 5 विकेट गंवा दिए थे. इस नाजुक मौके पर विराट ने अश्विन के साथ मिलकर बड़ी साझेदारी की और टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया. उनकी पारी की बदौलत ही भारतीय टीम ने दूसरी पारी में 286 रन बनाए और मेहमान टीम को जीत के लिए 482 रन का बड़ा टारगेट दिया. जिसे इंग्लैंड हासिल नहीं कर पाया.