प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जाते हैं. अब इस योजना का लाभ पश्चिम बंगाल के किसानों को भी मिल सकता है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में BJP की सरकार बनते ही किसानों को इस स्कीम का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
नई दिल्ली. मोदी सरकार की फ्लैगशिप प्रोग्राम प्रधानमंत्री किसान सम्मानि निधि योजना के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों को साल में 6,000 रुपये दिए जाते हैं. 2,000-2,000 रुपये के तीन किस्तों में दी जाने वाली यह रकम सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. 4 महीने में एक किस्त आती है. सरकार का मकसद है कि किसानों की इनकम दोगुनी की जाए. लेकिन केंद्र सरकार की यह स्कीम पश्चिम बंगाल में लागू नहीं है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में BJP की सरकार बनते ही संबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को पैसे दिए जाएंगे. ये पैसे तब से दिए जाएंगे, जब से यह योजना लागू हुई है.
ऐसे में पश्चिम बंगाल के करीब 70 लाख किसानों को इसका फायदा मिलेगा. शाह ने कहा कि BJP की सरकार बनते ही हम पिछले साल के 12,000 रुपये समेत इस साल 6000 रुपये देंगे. यानी कुल रकम किसानों को 18,000 रुपये दिए जाएंगे. बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने पीएम किसान सम्मान निधि लागू नहीं किया है. जिससे किसानों को सालाना 6,000 रुपये नहीं मिल पा रहे हैं.
70 लाख किसानों को 9,660 करोड़ रुपये का नुकसान
पश्चिम बंगाल में विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इसे राजनीतिक बयान भी कहा जा सकता है. हालांकि अगर पीएम किसान का बजट देखें तो यह काफी है. जिसके चलते किसानों को पिछली रकम समेत दिया जा सकता है. राज्य में पीएम किसान एक बड़ा मुद्दा बन गया है. राज्य में करीब 70 लाख किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है. कृषि मंत्रालय ने इसका आकलन 9,660 करोड़ रुपये किया है.
राज्य में कुछ किसानों ने ऑनलाइन अप्लाई किया था. लेकिन वेरिफिकेशन का काम राज्य सरकार का है. राज्य सरकार के वेरिफिकेशन नहीं किए जाने के चलते केंद्र सरकार इन किसानों को मदद नहीं पहुंचा पाई.
इस तरह अकाउंट में ट्रांसपर होते हैं पैसे
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों ऑनलाइन अप्लाई करना होता है. फिर उस एप्लीकेशन को राज्य सरकार आपके रेवेन्यू रिकॉर्ड, आधार नंबर और बैंक अकाउंट नंबर का वेरिफिकेशन किया जाता है. राज्य सरकार जब तक आपके अकाउंट को वेरिफाई नहीं करती तब तक पैसे नहीं आते. जैसे ही राज्य सरकार वेरिफाई कर देती है तो फिर FTO जेनरेट हो जाता है. फिर इसके बाद केंद्र सरकार अकाउंट में पैसे ट्रांसपर कर देती है.