माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) और भारत सरकार (Indian govt) के मतभेदों के बीच अमेरिका का बयान सामने आया है और विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि हम लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं.
वॉशिंगटन: माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) और भारत सरकार के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. सरकार ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर दुष्प्रचार करने और भड़काऊ बयान पर ट्विटर द्वारा कार्रवाई करने में देरी पर नाराजगी जताई है, वहीं ट्विटर ने बयान जारी कर कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले सैकड़ों खातों पर कार्रवाई की है. इस बीच भारत सरकार और ट्विटर के बीच बढ़ते विवाद को लेकर अमेरिका का बयान सामने आया है.
लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध: US
अमेरिकी विदेश विभाग (US Department of State) के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘मैं आम तौर पर यह कहूंगा कि दुनिया भर में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुझे लगता है कि जब ट्विटर (Twitter) की नीतियों की बात आती है, तो हम आपको खुद ट्विटर के पास जाने के लिए ही कहेंगे.’
देश के कानूनों का पालन करना जरूरी: भारत
बता दें कि मतभेदों के बीच केंद्र के आईटी सेक्रेटरी और ट्विटर (Twitter) के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बुधवार को एक वर्चुअल बातचीत हुई थी. भारत सरकार ने इस बातचीत में ट्विटर से सरकारी नियमों के अनुपालन करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखने के लिए कहा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कंपनी के अपने भले ही कोई नियम हों, लेकिन उसे देश के कानूनों का पालन करना ही चाहिए.
ट्विटर ने जारी किया बयान
विवाद के बीच ट्विटर (Twitter) ने भी बुधवार को बयान जारी किया था और कहा था कि 26 जनवरी 2021 के बाद हमारी टीम ने 24/7 कवरेज प्रदान की है और हमने कंटेंट, ट्रेंड्स, ट्वीट्स और अकाउंटों पर निष्पक्ष रूप से कार्रवाई की, जो कि ट्विटर के नियमों के उल्लंघन कर रहे थे. हमारी वैश्विक नीति की रूपरेखा हर ट्वीट को नियंत्रित करती है.’
ट्विटर ने की अभिव्यक्ति की आजादी की बात
इसके साथ ही ट्विटर ने बताया है कि किसी भी मीडिया संस्थान, पत्रकार या एक्टिविस्ट के अकाउंट बैन नहीं किए गए हैं. ट्विटर ने कहा, ‘किसी भी मीडिया संस्थान, पत्रकार, एक्टिविस्ट और नेता के अकाउंट के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया है. भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है.’