नई दिल्ली, टेक डेस्क। सरकार ने भारत में 5G को लेकर बड़ा बयान दिया है। सरकार के मुताबिक देश में इस साल 5G को रोलआउट करना संभव नहीं है। इसकी शरुआती भारत में साल 2022 के शुरूआत में हो सकती है। संसदीय पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 6 माह के बाद एक अन्य स्पेक्ट्रम नीलामी होनी है। इसके बाद ही भारत में 5G को अगले साल तक रोलआउट किया जा सकेगा। संसदीय पैनल के प्रमुख और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा है कि भारत में 5G सर्विस को इस कैलेंडर ईयर 2021 के आखिरी या फिर 2022 के शुरू में चुनिंदा इस्तेमाल के लिए शुरू की जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि 4G को भारत में अगले कम से कम 5 से 6 साल तक जारी रहना चाहिए।
मुकेश अंबानी को लग सकता है जोरदार झटका
संसदीय पैनल की रिपोर्ट से Reliance के सीईओ मुकेश अंबानी को जोरदार झटका लग सकता है। इससे पहले मुकेश अंबानी ने कहा था कि Jio साल 2021 की दूसरी छमाही तक भारत में 5G सर्विस को लॉन्च करेगा। अंबानी के बयान के मुताबिक 5G सर्विस में Jio सबसे आगे रहेगा। वहीं इस साल Airtel की तरफ से भी 5G सर्विस का हैदराबाद में कमर्शियल नेटवर्क पर सफलतापूर्वक ट्रायल किया गया है। टेलिकॉम कंपनियों Airtel और Jio ने 5G की तैयारी पूरी कर ली है। इन दोनों कंपनियों को बस सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
5G सर्विस रोलआउट में हो सकती है देरी
संसदीय पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 5G सर्विस के लिए बाकी देशों के मुकाबले पर्याप्त तैयारी नहीं की गई है। ऐसे में भारत आधी-अधूरी तैयारी के साथ आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर सरकार 5G सर्विस के रोलआउट में दखल नहीं देती है, तो भारत 2G,3G, 4G की तरह 5G के मौके को भुनाने में चूक जाएगा। टेलिकॉम इंडस्ट्री बॉडी (COAI) ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जब टेलिकॉम ऑपरेटर्स ने जनवरी 2020 में 5G ट्रायल का एप्लीकेशन सब्मिट कर दिया था, तो अब तक आखिर क्यों ट्रायल की गाइडलाइन की तारीख जारी नहीं की गई।
5G सर्विस की देरी में DoT को फटकार
टेलिकॉम मिनिस्टर ने ऐलान किया है कि एक मार्च से 3.92 लाख करोड़ के स्पेक्ट्रम नीलाम किये जाएंगे। इसमें 5G सर्विस के लिए जरूरी फ्रिक्वेंसी को शामिल नहीं किया गया है। संसद की स्टैंडिंग कमेटी ऑन इन्फॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी ने 5G सर्विस में हो रही देरी के चलते डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (DoT) के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। कमेट ने कहा कि जब ज्यादातर देश नेक्स्ड जनरेशन टेक्नोलॉजी का व्यवसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया है, तो भारत में इसके रोलआउट में क्यों देरी की जा रही है। बता दें कि हाल ही में टेलिकॉम एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि हम दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से मेड इन इंडिया 5G को लागू करेंगे।