NEWS

विदाई भाषण में भावुक हुए गुलाम नबी आजाद, बोले- ‘पाकिस्तान के हालात देखकर हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व’

गुलाम नबी आजाद ने कहा- जब मैं देखता हूं कि पाकिस्तान में किस तरह के हालात हैं तो मुझे हिंदुस्तानी होने पर फख्र होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं.

गुलाम नबी आजाद ने कहा- हम गौरव से कह सकते हैं कि हमारे देश के मुसलमानों में बुराईयां नहीं हैं. लेकिन यहां बहुसंख्यक समुदाय को भी दो कदम आगे आने की जरूरत.

नई दिल्लीराज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. उनके सम्मान में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई सांसदों ने विदाई भाषण दिया. इसके बाद जब गुलाम नबी आजाद के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि पाकिस्तान नहीं गया और मुझे अपने हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र है.उन्होंने यह भी कहा कि जैसी बुराईयां समाज में हैं, वह बुराईयां हिंदुस्तानी मुसलमान में नहीं हैं. इस दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का जिक्र करते हुए वह भी भावुक हो गए.

उस कॉलेज में पढ़ा जहां, 14 अगस्त भी और 15 अगस्त भी मनता था- गुलाम

गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘’मैं जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े कॉलेज एसपी कॉलेज में पढ़ता था. वहां 14 अगस्त (पाकिस्तान की आजादी का दिन) भी मनाया जाता था और 15 अगस्त भी.  वहां ज्यादातर वो लोग थे, जो 14 अगस्त मनाते थे. और जो लोग 15 अगस्त मनाते थे, उनमें मैं था और मेरे दोस्त थे. हम प्रिंसिपल और स्टॉफ के साथ रहते थे. इसके बाद हम दस दिन तक स्कूल नहीं जाते थे क्योंकि पिटाई होती थी. मैं उस स्थिति से निकलकर आया हूं.” उन्होंने कहा, ”मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर की कई पार्टियों के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ा.”

पाकिस्तान के हालात देखकर हिंदुस्तानी होने पर गर्व होता है- गुलाम

गुलाम ने आगे कहा, ”मेरी हमेशा ये सोच रही है कि हम बहुत खुशकिस्मत है कि हम जन्नत यानि हिंदुस्तान में रह रहे हैं. मैं तो आजादी के बाद पैदा हुआ. लेकिन आज गुगल के जरिए और यूट्यूब के जरिए मैं पढ़ता हूं और देखता हूं. मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया. लेकिन जब मैं देखता हूं कि पाकिस्तान में किस तरह के हालात हैं तो मुझे हिंदुस्तानी होने पर फख्र होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं.” उन्होंने कहा, ”आज विश्व में किसी मुसलमान को फख्र होना चाहिए तो वो हिंदुस्तान के मुसलमान को होना चाहिए.”

बहुसंख्यक समुदाय को भी दो कदम आगे आने की जरूरत- गुलाम

गुलाम नबी ने कहा, ”हम पिछले 30-35 सालों से तालिबान और अफगानिस्तान जैसे देशों को भी देख रहे हैं. दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो आपस में लड़ रहे हैं. वहां हिंदु या ईसाई नहीं है, वहां मुसलमान हैं फिर भी आपस में लड़ाई कर रहे हैं. जो समाज में बुराई हैं, आज हम गौरव से यह कह सकते हैं कि हमारे देश के मुसलमानों में वह बुराईयां नहीं हैं. लेकिन यहां बहुसंख्यक समुदाय को भी दो कदम आगे आने की जरूरत है.”

बता दें कि गुलाम नबी आजाद साल 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे. वह करीब 41 सालों से संसदीय राजनीति में हैं. वह साल 2014 से राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं. वह पांच बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा सांसद रहे. आजाद के साथ ही बीजेपी के शमशेर सिंह मन्हास, पीडीपी के मीर मोहम्मद फ़ैयाज और नजीर अहमद लवाय का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. आजाद और नजीर अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को और मन्हास और मीर फयाज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top