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Rashifal: 59 साल बाद फरवरी में बनेगा ग्रहों का महासंयोग, एकसाथ आएंगे कई ‘महासंकट’

इस 6 ग्रही योग का प्रभाव विश्व व्यापी होगा. हर देश में जनाक्रोश, जनांदोलन बढ़ेंगे. जब तक शनि-गुरु की युति रहेगी और शनि मकर राशि में अप्रैल 2022 तक रहेंगे, जनता हर देश में अपनी अपनी सरकारों से टकराती रहेगी.

Jaipur: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में इस साल फरवरी का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. फरवरी (February) में एक ओर मकर राशि (Capricorn) में षड्ग्रही ग्रही योग बनेगा, वहीं फरवरी में सूर्य, शुक्र और मंगल प्रमुख ग्रह भी अपनी चाल बदलेंगे. 

59 साल के बाद ग्रहों का विचित्र संयोग फरवरी के महीने में बनने जा रहा है, जो विश्व में अप्रत्याशित और दूरगामी प्रभाव लाएगा. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास (Anish Vyas) ने बताया कि मकर राशि में पहले से ही सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र, शनि ग्रह विराजमान हैं और 10 फरवरी की रात जब चंद्रमा का प्रवेश मकर राशि में होगा तो एक ऐसा महासंयोग बनेगा, जो दुर्लभ और अद्भुत हैं. 

इस महासंयोग पर दुनिया भर की नजर है. इसकी वजह यह है कि मकर राशि में 9 ग्रहों में से 6 ग्रह आकर मिलेंगे. ज्योतिष शास्त्र के कई ग्रंथों के अनुसार, जब एक राशि में 5 या उससे अधिक ग्रह राहु-केतु को छोड़कर यदि आकर युति करें तब देश-दुनिया में बड़े भू राजनीतिक बदलाव आते हैं और इस बदलाव का असर कई दशकों तक रहता है. 

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि नारद मुनि रचित मयूर चित्रम नाम के ग्रंथ में सदियों पहले कहा गया है कि जब भी एक राशि में 5 से अधिक ग्रह एकत्रित होते हैं, विश्व में कई तरह के परिवर्तन आरंभ हो जाते हैं. सूर्य गुरु शनि मंगल बुध तथा शुक्र आदि ग्रह जब एक राशि में आ जाएं तो युद्ध या बड़े जनांदोलन जैसी आपात स्थितियां पैदा होती हैं.

इतिहास में ग्रहों का संयोग और प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि 59 साल पहले 4 फरवरी, 1962 में बने 7 ग्रही योग के कारण भारत ही नहीं, विश्व के कई देशों में उथल पुथल रही. इसका परिणाम यह हुआ था कि दो महाशक्तियों अमेरिका और तत्कालीन सोवियत रूस-क्यूबा मिसाइल संकट में उलझ गए थे औऱ युद्ध के भय से विश्व राजनीति दो खेमों में बंट गई थी. इससे दशकों तक शीत -युद्ध की स्थिति बनी रही. भारत में ग्रह शांति के लिए जगह-जगह हवन भी किए गए थे और ऐसे ग्रहों की युति के कारण युद्ध की आशंका ज्योतिषियों द्वारा व्यक्त की गई थी. यह भविष्यवाणी, 20 अक्तूबर 1962 को सच हो गई जब चीन ने भारत पर हमला कर दिया और हमें बहुत नुक्सान सहना पड़ा. यह सब मकर राशि में 7 ग्रह होने के फलस्वरुप हुआ. तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु की नाम राशि भी मकर थी अतः उनकी प्रतिष्ठा को भी धक्का लगा. ऐसे ग्रहों की युतियों के दूरगामी परिणाम होते हैं जो सदियों तक चलते हैं तो 1962 से लेकर आज तक चीन भारत का स्थाई दुश्मन बन गया और हमेशा ही रहेगा. अमेरिका के राष्ट्र्पति कैनेडी की सनसनीखेज हालत में हत्या हुई. 

ईरान में इस्लामिक क्रांति
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष 1979 के सितंबर महीने में सिंह राशि में 5 ग्रहों के योग ने ईरान में इस्लामिक क्रांति (Islamic revolution) से मुस्लिम जगत में उथल-पुथल मचा दी, जिससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान (Pakistan) और भारत में इस्लामिक आतंकवाद का प्रसार हुआ और दशकों तक भारत सहित दुनिया के कई देशों में रक्तपात हुआ. सितंबर 1979 में जब सिंह राशि में 5 ग्रह आए तो आपको याद होगा, पंजाब में दो संप्रदायों के मध्य खूनी झड़पों के बाद उग्रवाद फैलने लगा.

कोरोना वायरस महामारी
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अभी वर्ष 2019 में 26 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य ग्रहण के समय 5 ग्रहों राहु-केतु को छोड़कर के योग ने कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी और आर्थिक मंदी से जो तबाही मचा दी है, उससे संपूर्ण विश्व बड़ी मानवीय त्रासदी से गुज़र रहा है, जिसे अब आने वाली सदी में याद रखा जाएगा कि इसके कारण संसार में कितनी जानें गई, आर्थिक मंदी आई. पूरे विश्व की जीवन शैली भी बदल गई. यही नहीं एक नए किस्म के जनाक्रोश ने भी जन्म ले लिया. जनांदोलन का स्टाइल बदल गया. शाहीन बाग, किसान आंदोलन में ट्रैक्टरों का प्रदर्शन, लाल किले पर तिरंगे का अपमान, लंबा संघर्ष, नई शब्दावली का जन्म और ऐसे कितने ही नए संदर्भ सामने आए जो सालों साल आगे बढ़ते रहेंगे यानी जो हालात इन ग्रहों के अधीन बनेंगे, वे एक या दो सालों के लिए नहीं अपितु एक लंबे काल तक जनजीवन को प्रभावित करेंगे.

क्या होगा प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस 6 ग्रही योग का प्रभाव विश्व व्यापी होगा. हर देश में जनाक्रोश, जनांदोलन बढ़ेंगे. जब तक शनि-गुरु की युति रहेगी और शनि मकर राशि में अप्रैल 2022 तक रहेंगे, जनता हर देश में अपनी अपनी सरकारों से टकराती रहेगी. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि भारत, अमरीका, फ्रांस, इजरायल, हालैंड, दक्षिण अमरीका, पाकिस्तान जैसे देशों में जनता सड़कों पर निकली. आगामी चुनावों में हिंसा, सांप्रदायिक दंगे, धार्मिक उन्माद, प्राकृतिक आपदाएं, बड़े भूकंप, समुद्री तूफान, समुद्री लड़ाई, अपनी मांगे मनवाने के लिए प्लेन हाईजैकिंग, राजनीतिक उठापटक, स्कैंडल आदि एक के बाद एक आने की संभावना. चूंकि 6 ग्रहों का अपना अपना स्वभाव है, उसी के अनुसार वे अपना अपना प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों में दिखाते रहेंगे.

भारत में बढ़ेंगे आंदोलन
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अब 10 तारीख की मध्य रात से 11 और 12 फरवरी को मकर राशि में बन रही 6 ग्रहों की युति एक बार फिर से देश-दुनिया में बड़े बदलावों का संकेत दे रही है. 12 फरवरी की अमावस्या की कुंडली का अध्यन करें तो तुला लग्न की कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि गुरु शुक्र बुध चंद्रमा और सूर्य की युति से बन रहा षड्ग्रही योग किसान आंदोलन के जोर पकड़ने तथा कुछ उग्र होने का संकेत है. कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मकर राशि शनि और चंद्रमा का कृषि उत्पादों और किसानों से विशेष संबंध है. मकर राशि में जुटने वाले 6 ग्रहों में से 4 ग्रह गुरु शनि बुध और शुक्र श्रवण नक्षत्र में युत होंगे. बृहत संहिता के अनुसार श्रवण नक्षत्र को धर्म गुरुओं वैद्यों डाक्टरों का कारक माना जाता है. इस योग के प्रभाव से बड़े धार्मिक विवाद तथा मेडिकल के क्षेत्र में कुछ विवादस्पद घटनाक्रम अगले दो महीनों में हो सकते हैं.

चीन पाकिस्तान पर आएगा कोई महासंकट
हमारे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान को किसी बड़े संकट का सामना करना होगा, जिसकी ज्योतिषीय दृष्टिकोण से संभावना 6 ग्रहों के मकर राशि में युति से बन रही है. पाकिस्तान की चंद्र राशि मिथुन है, जिससे विनाश के अष्टम भाव में बन रही यह महायुति किसी बड़े भूकंप से देश को नुकसान पहुंचा सकती है. चीन की जन्म राशि मकर में शनि-गुरु सहित अन्य ग्रहों का गोचर वहां आर्थिक संकट से असंतोष पैदा करेगा. चीन के शेयर बाजारों में गिरावट दुनिया भर के धन कुबेरों को बड़ा झटका देगी. भारत में भी शेयर बाजार में कुछ उथल-पुथल मच सकती है.

प्राकृतिक आपदा के योग
ज्योतिष में मकर राशि को जल राशि तथा पृथ्वी तत्व से प्रभावित माना जाता है. मकर राशि में शनि-गुरु का होना तथा उससे केंद्र में मेष राशि में भूमि पुत्र मंगल की स्थिति भूकंप का योग बनाता है. भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य और चंद्रमा 12 फरवरी की अमावस्या के दिन पृथ्वी तत्व की राशि और पृथ्वी तत्व के नवांश में होकर भूकंप का योग बना रहे हैं. इस योग के प्रभाव से 15 दिनों के भीतर पाकिस्तान और उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं. 12 फरवरी की अमावस्या के बाद असामान्य वर्षा और ओलावृष्टि का योग भी बन रहा है. उत्तर भारत में ओलावृष्टि से कुछ स्थानों पर फसलों को नुकसान पहुंच सकता है तथा पहाड़ों पर बर्फ पड़ने से सर्दी का मौसम लंबा खींच सकता है.

6 ग्रह के संयोग का क्या होगा असर
अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना

खनिज तथा जमीन से उगने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे. सोना, चांदी, पेट्रोल, अनाज तथा जमीन के अपने मूल्यों में अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना है. हालांकि कृषि उत्पादन अच्छा रहेगा और किसानों को लाभ भी होगा. 

सरकारी निर्णय हो सकते हैं गलत
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सरकार ऐतिहासिक और कठोर फैसले लेगी जिसके कारण श्रमिक या किसान वर्ग और नाराज हो सकता है. सरकारी निर्णय गलत हो सकते हैं, जिससे जनता एक बार और ज्यादा भड़क सकती है. सरकार को किसान संघर्ष के कारण कई संशोधन करने पड़ सकते हैं. भारत सहित कई देशों में सर्वोच्च न्यायालयों को सरकार के क्रिया क्लापों में हस्तक्षेप करना पड़ सकता है. 

मोदी काबू पाने में रहेंगे कामयाब
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मकर राशि मोदी जी की कुंडली के तृतीय, पराक्रम भाव में हैं, जिसके कारण वे अपनी कुशल राजनीति से वर्तमान अव्यवस्था पर काबू पाने में काफी हद तक कामयाब रहेंगे. भारत में सब कुछ खराब ही रहेगा, ऐसा नहीं है. 

नव संवत्सर में होगी आर्थिक प्रगति
नया संवत 2078, 13 अप्रैल को आरंभ होने जा रहा है, जिसमें राजा और मंत्री दोनों ही मंगल हैं. क्म्युनिकेशन के क्षेत्र में क्रांति आएगी. सॉफ्टवेयर, सूचना एवं प्रौद्यागिकी क्षेत्र, रोड ट्रांसपोर्ट में, विज्ञान के क्षेत्र में अप्रत्याशित तथा अभूतपूर्व सुखद परिवर्तन एवं प्रगति होगी. आर्थिक प्रगति होगी. अप्रैल 6, 2021 के बाद जब गुरु और शनि अलग होंगे, तब कहीं जाकर वर्तमान आंदोलन में कुछ सुधार आएगा परंतु शनि , अप्रैल 2022 तक मकर में ही रहेंगे जिसके कारण एक आंदोलन समाप्त होगा तो कुछ नए किस्म का आक्रेाश चल पड़ेगा. शेयर मार्किट एक बार बुरी तरह से क्रैश हो सकती है. सोना खरीदने का यह स्वर्ण अवसर होगा. 

विश्व में बढ़ेगी भारत की साख 
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर मालवीय नगर के पंडित मदन मोहन शर्मा ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के कारण भी भारत की साख विश्व में बढ़ेगी. अधिकांश देशों में भारत के योग का प्रसार होगा. भारतीय मूल के नागरिक अन्य देशों में सरकारी पदों पर विराजमान होंगे. अमरीका में शुरूआत हो चुकी है. वह दिन दूर नहीं जब कनाडा का प्रधान मंत्री एक दिन भारतीय बनेगा. यही नहीं भारत कई मायनों में विश्व गुरु बनने की राह में अग्रसर होगा और अधिकांश देश भारत को अपना मार्गदर्शक मानेंगे.

फरवरी में ग्रहों का राशि परिवर्तन 
ज्योतिष शास्त्र में इस साल फरवरी का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.  फरवरी में सूर्य, शुक्र और मंगल प्रमुख ग्रह भी अपनी चाल बदलेंगे. ग्रहों के इन राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर कुछ  न कुछ असर जरूर पड़ता है. 

आइए विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानते हैं कि किन ग्रहों का फरवरी में राशि परिवर्तन होगा-

12 फरवरी को सूर्य करेंगे राशि परिवर्तन
12 फरवरी को रात 9 बजकर 3 मिनट पर सूर्य अपना राशि परिवर्तन करेंगे. सूर्य इस दिन मकर राशि में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद कुंभ राशि में गोचर करेंगे. कुंभ राशि वालों पर इस गोचर का विशेष प्रभाव दिखाई पड़ेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्यदेव की कृपा से रुके हुए कार्य पूरे होंगे.

शुक्र का कुंभ राशि में गोचर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि दांपत्य जीवन लव रिलेशनशिप और भौतिक सुविधाओं जैसी प्रमुख चीजों को संचालित करने वाले दैत्यों के गुरु माने जाने वाले शुक्र ग्रह 21 फरवरी 2021 को सुबह 2 बजकर 12 मिनट पर मकर राशि से निकल कर कुंभ राशि में गोचर करेंगे. शुक्र का यह गोचर कुंभ राशि वालों को शुभ फल प्रदान करेंगे. इस दौरान कुंभ राशि वालों को नए अवसर और धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे. शुक्र का संबंध प्रजनन क्षमता से भी माना जाता है. इस में ग्रह में होने वाला बदलाव कई राशियों के यौन जीवन को प्रभावित कर सकता है.

22 फरवरी को वृषभ राशि में जा रहे हैं मंगल
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि 22 फरवरी को मंगल ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे. मंगल ग्रह सुबह 5 बजकर 2 मिनट पर मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर करेंगे. वृषभ राशि में मंगल ग्रह के राशि परिवर्तन से कई राशियों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी. इस दौरान धन लाभ के भी योग बन सकते हैं. 

10 फरवरी को शनि होंगे उदय
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर के पंडित मदन मोहन शर्मा ने बताया कि न्याय और कर्म के देवता शनिदेव नए साल के पहले सप्ताह यानी 7 जनवरी को अस्त हुए थे. अब करीब 35 दिन बाद ये फिर से उदय हो रहे हैं. 10 फरवरी को शनि उदय होंगे. शनि का उदय होना कई राशियों के लिए बहुत से बदलाव लेकर आएगा. पांच राशियों के लिए शनि का अस्त होना बहुत ही फलदायी रहेगा. मेष, कन्या, मकर राशि के लोगों को शनि के उदय होने से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे. आपको बता दें कि शनि ने 22 जनवरी को नक्षत्र परिवर्तन किया था. इससे पहले 7 जनवरी को शनि अस्त हुए थे. अब 10 फरवरी को रात 1.30 बजे शनि फिर से उदय हो रहे हैं. आपको बता दें कि  सूर्य देव के पास पहुंचने पर शनि या कोई दूसरा ग्रह भी अस्त हो जाता है. सूर्य के प्रभाव से अस्त हुए शनि का सभी राशियों पर कुछ न कुछ प्रभाव पड़ेगा.

क्या करें उपाय
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅं नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. श्री राम भक्त संकट मोचन हनुमान जी आप सबकी रक्षा करें.

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