Union Budget 2021: पुराने वाहनों को लेकर इस स्क्रैप पॉलिसी के बाद 20 साल पुरानी गाड़ियां हटेंगी. साथ ही 50 हजार नई नौकरियां भी क्रिएट होंगी.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पुराने और प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिए बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति (vehicle scrapping policy) की सोमवार को घोषणा की. सीतारमण ने लोक सभा में बजट (Union Budget 2021-22) पेश करते हुए कहा कि निजी वाहनों को 20 साल होने पर और वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी.
पर्यावरण के अनुकूल और ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा
उन्होंने कहा कि यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल और ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी.
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति जल्दी ही अधिसूचित की जाएगी और एक अप्रैल 2022 से इसे लागू किया जाएगा. इस नीति को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है.
वित्त मंत्री ने भी कहा था कि पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित करने की नीति पर काम जारी है. संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श के बाद नीति की घोषणा की जाएगी.
स्क्रैप पॉलिसी से क्रिएट होंगी 50 हजार नई नौकरियां
पुराने वाहनों को लेकर इस स्क्रैप पॉलिसी के बाद 20 साल पुरानी गाड़ियां हटेंगी. साथ ही 50 हजार नई नौकरियां भी क्रिएट होंगी. पुराने वाहनों को लेकर स्क्रैपिंग पॉलिसी का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इससे दस हजार करोड़ का निवेश होगा और 50 हजार नई नौकरियां आएंगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दुनिया के सभी बड़े ऑटो ब्रांड भारत में हैं. ऐसे में स्क्रैपिंग पॉलिसी की वजह ऑटो सेक्टर की इकोनॉमी का आकार 4.50 लाख करोड़ से बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.
गडकरी ने कहा कि 20 साल पुराने 51 लाख पुराने वाहन स्क्रैप हो जाएंगे जिससे लोग नए वाहन खरीदेंगे और ऑटो इंडस्ट्री को इससे बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1 करोड़ से ज्यादा वाहन ऐसे हैं, जो प्रदूषण कर रहे थे. अब इनसे राहत मिलेगी.