बताया जा रहा है कि जिनका डेटा दो साल पहले हुए डेटा ब्रीच में हैकर्स के हाथ लग गया था फिलहाल उन्ही यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है.
Telegram अब हैकर्स का नया हथियार बनता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैकर्स फेसबुक यूजर्स के कॉन्टैक्ट डीटेल्स को एक्सेस कर रहे हैं और इसके लिए वे टेलीग्राम एप के बॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि जिनका डेटा दो साल पहले हुए डेटा ब्रीच में हैकर्स के हाथ लग गया था फिलहाल उन्ही यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है.
एक रिसर्चर ने साल 2019 में एक असुरक्षित सर्वर की पहचान की थी. इस सर्वर पर लगभग 42 करोड़ रिकॉर्ड मौजूद थे. इस रिकॉर्ड में अमेरिका और ब्रिटेन के 15 करोड़ यूजर्स का डेटा भी शामिल था. माना जाता है कि हैकर्स ने इसके लिए टेलिग्राम एप के बॉट का इस्तेमाल किया था ताकि वे आसानी से फेसबुक यूजर्स के कॉन्टैक्ट डीटेल्स तक पहुंच सके.
ऐसे चकमा देते हैं हैकर्स
यह बॉट बड़ी चालाकी से यूजर्स को फेसबुक यूजर आईडी के बदले वह फोन नंबर एंटर करने को बोलता है, जिसके बारे में वे जानकारी चाहते हैं. यह बॉट ‘रिवर्स सर्च’ ट्रिक से फेसबुक आईडी के जरिए यूजर्स के नंबर को हासिल कर लेते हैं. जानकारों का मानना है कि 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा असुरक्षित डेटाबेस का हिस्सा बन चुका है.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह बॉट 19 देशों के यूजर्स के डेटा को उपलब्ध कराता है। यह भी बताया जा रहा है कि जो यूजर्स अपने नंबर को प्राइवेट रखते हैं उन्हें यह बॉट हासिल नहीं कर पाता है.
फेसबुक का कहना है कि डेटा लीक के खतरे के खत्म होने के बाद जिन फेसबुक आईडी को क्रिएट किया गया उन पर य बॉट काम नहीं करता है. लेकिन 2019 से पहले बने अकाउंट्स के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. ऐसे में ये अकाउंट हैकर्स के टारगेट पर हैं.