राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से नामित अमेरिका के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने नए प्रशासन के संभालने के ठीक एक दिन पहले इसके संकेत दिए। वह सीनेट के सदस्यों के समक्ष एक सुनवाई में अमेरिकी सरकार की नई रक्षा नीति के बारे में बता रहे थे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका की नई सरकार ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि हाल के वर्षों में भारत के साथ रक्षा सहयोग को बेहतर करने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उन्हें आने वाले दिनों में और प्रगाढ़ किया जाएगा। राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से नामित अमेरिका के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने नए प्रशासन के संभालने के ठीक एक दिन पहले इसके संकेत दिए। वह सीनेट के सदस्यों के समक्ष एक सुनवाई में अमेरिकी सरकार की नई रक्षा नीति के बारे में बता रहे थे।
बाइडन प्रशासन के नामित रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने दिए संकेत
उन्होंने पाकिस्तान के लिए भी कुछ सकारात्मक संकेत दिए और इस बात को स्वीकार किया कि भारत को परेशान करने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ हाल में पाकिस्तान ने कुछ कदम उठाए हैं। भारत के साथ अमेरिका के रक्षा संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ऑस्टिन ने कहा कि, मोटे तौर पर भारत के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार के दर्जे को और मजबूत किया जाएगा। दोनों देशों के मौजूदा रक्षा साझेदारी को लेकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके साथ साझा हितों के संदर्भ में और सहयोग किया जाए। साथ ही क्वाड सिक्यूरिटी डायलॉग के तहत रक्षा सहयोग को और गहरा किया जाएगा।
पाक को लेकर अमेरिका की नीतियों में नहीं होगा कोई बड़ा बदलाव
ऑस्टिन के इस बयान से साफ है कि भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ मिल कर अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग की जो शुरुआत की है उससे जुड़ी गतिविधियां और तेज होंगी। पाकिस्तान को लेकर ऑस्टिन ने अमेरिका की मौजूदा नीतियों में किसी बड़े बदलाव का कोई संकेत नहीं दिया, लेकिन यह निश्चित तौर पर कहा कि कुछ चयनित क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना के साथ अमेरिकी सेना के सहयोग को बढ़ाया जाएगा।
अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिहाज से यह जरूरी होगा। उन्होंने यह भी माना कि अल-कायदा और आइएस जैसे आतंकी संगठनों के खात्मे के लिए भी पाकिस्तान की अहम भूमिका होगी। साथ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के नहीं किया जाए।