Union Budget 2021: सालाना बजट का ऐलान होने में अभी कम से कम दो हफ्ते का वक्त रह गया है. ऐसे में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की उम्मीदें हर बार की तरह वित्त मंत्री पर टिकी हुई है.
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से आगामी बजट (Union Budget 2021 22) में लोगों को कई उम्मीदें हैं, क्योंकि कारोना वायरस महामारी की वजह से आम आदमी की लाइफ और इनकम दोनों ही प्रभावित हुई है. ऐसे में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की उम्मीदें हर बार की तरह वित्त मंत्री पर टिकी हुई हैं. फिलहाल टैक्स का बोझ घटाने के लिए कितने कदम उठाए जाते हैं, ये तो बजट से ही पता चलेगा. बजट का ऐलान होने में कम से कम अभी 2 हफ्ते का वक्त रह गया है.
पिछले साल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने 2020 21 के बजट में नई आयकर व्यवस्था पेश की थी. नई कर व्यवस्था में पांच लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिये कर (Income Tax) की कम दरों का प्रस्ताव किया गया है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कई तरह की कर रियायतों और छूट को समाप्त कर दिया. पुरानी कर व्यवस्था में 120 के करीब छूट और रियायतें दी गईं थी इनमें से 70 को हटाया गया है.
पिछले साल पेश की गई थी नई व्यवस्था
पिछले साल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नई आयकर व्यवस्था पेश की थी जिसमें सात टैक्स स्लैब को शामिल किया गया था. शून्य, 5%, 10%, 15%, 20%, 25% और 30%. जबकि पुराने टैक्स नियम में चार स्लैब शून्य, 5%, 20% और 30% शामिल थे. ये दोनों ही टैक्स नियम करदाता के लिए चालू थे. हालांकि, नई आयकर व्यवस्था में 5 लाख से 15 लाख रुपये के बीच आय पर कर की दरें कम हैं, लेकिन कर में कोई छूट और कटौती नहीं मिलेगी.
80C में डिडक्शन
वर्तमान में इनकम टैक्स एक्ट 80 CCE के तहत सेक्शन 80C, 80CCC और 80CCD(1) के तहत एक साल में कुल 1.50 लाख रुपये की आमदनी पर आयकर से छूट मिलती है. इससे सेविंग्स को लेकर लोग ज्यादा अट्रैक्ट होंगे. बता दें कि कई टैक्स सेविंग्स निवेश इस सेक्शन के तहत आते हैं. इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की उम्मीद लोग वित्त मंत्री से लगाए हुए हैं.
हाउसिंग टैक्स
रियल एस्टेट क्षेत्र में मोमेंटम तेज करने के लिए सरकार नेट एनुअल वैल्यू के 30 फीसदी की मानक कटौती को 50 फीसदी तक बढ़ा सकती है. या सेल्फ ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी पर हाउसिंग लोन पर देय ब्याज की कटौती की वर्तमान सीमा को 4 लाख सालाना बढ़ा सकती है.